झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज समाप्त, सदन में हंगामे के आसार
रांची/डेस्क: झारखंड विधानसभा का शीतकाल चल रहा है. वहीं आज गुरुवार (21 दिसंबर) को इस सत्र का पांचवां और आखिरी दिन है. आज भी सदन में शोर-शराबा होने की आशंका है. इस बीच, सदन में प्रश्नकाल और राज्य विधेयक और निजी सदस्यों का कामकाज होगा। आज गैर सरकारी संकल्प के साथ सरकार सदन में अपनी बात रखेगी. सदन में सीएम हेमंत सोरेन के जवाब पर सभी सदस्यों की नजर रहेगी.
विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन क्या हुआ?
झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के चौथे दिन बीजेपी विधायकों ने सदन के बाहर हंगामा और प्रदर्शन किया. उन्होंने रोजगार नीति समेत अन्य मांगों को लेकर जमकर प्रदर्शन किया. इस बीच 19 दिसंबर को सदन की कार्यवाही के दौरान निलंबित किए गए विधायक भी धरने पर बैठ गए.
इससे पहले सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी विधायक वेल में पहुंच गए और हंगामा शुरू कर दिया. बीजेपी विधायकों के हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही सिर्फ 16 मिनट तक चली, जिसके बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 12:<> बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
शीतकालीन सत्र के चौथे दिन 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति विधेयक पारित किया गया. लंच के बाद सदन की कार्यवाही के दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बिल को बिना संशोधन के पारित करने का प्रस्ताव रखा. इसके बाद 1932 का खतियान आधारित स्थानीय नीति विधेयक बिना संशोधन के सदन में पारित हो गया. इसके बाद सदन में प्रज्ञान इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी (निरसन) विधेयक 2023 पेश किया गया. प्रज्ञान इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी निरसन विधेयक 2023 सदन से पारित हो गया।
1932 की खतियान आधारित स्थानीय नीति यहां की मांग है: सीएम हेमंत
भोजनावकाश के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सदन में पहुंचे. विधेयक पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि 11 नवंबर 2022 को सदन से पारित इस विधेयक को बिना किसी संशोधन के पारित करने के लिए सदन में पेश किया गया था. “हाल ही में हमने इसे पारित किया था, फिर राज्यपाल ने इसे वापस कर दिया। 1932 की खतियान आधारित स्थानीय नीति यहां की मांग है, इसके अनुसार, इसे पिछले साल 11 नवंबर को ध्वनि मत से पारित किया गया था और उस समय राज्यपाल को भेजा गया था।” विपक्ष भी सहमत.