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अनुमंडल पदधिकारी, सदर, राँची द्वारा प्रखण्ड सह अंचल कार्यालय नामकुम का औचक निरक्षण किया गया

Report by Sourav Ray

रांची: अनुमंडल पदाधिकारी , सदर, राँची , उत्कर्ष कुमार द्वारा प्रखण्ड सह अंचल कार्यालय नामकुम का औचक निरीक्षण किया गया. निरक्षण के दौरान प्रखण्ड कार्यालय पहुंचे जहा योजनाओ के लेखा जोखा को लेकर रिपोर्ट लिया गया.

प्रखण्ड कार्यालय:

  1. मनरेगा योजनाः- मनरेगा योजना मानव दिवस और योजनाओं का कार्य संतोषजनक पाया गया। पुराने लंबित योजना कुऐ आदि संदर्भ में प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, नामकुम द्वारा बताया गया कि कुआँ धंसने एवं पत्थर मिलने के कारण योजना पूर्ण नहीं हो सका है। इन लंबित योजनाओं को पूर्ण कराने हेतु पुनरिक्षित प्राक्कलन तैयार कर स्वीकृति हेतु भेजने तथा नियमानुसार पूर्ण कराने का निदेश दिया गया।
  2. आवास योजनाः- प्रधानमंत्री आवास योजना में कुल लक्ष्य 3647 के विरूद्ध 1357 योजना स्वीकृत की गई है एवं 428 लाभुकों को प्रथम किस्त राशि का भुगतान किया गया है इस संदर्भ में शेष लक्ष्य को पूरा करते हुए त्वरित गति से निष्पादन करने हेतु निदेश दिया गया।

अबुआ आवास योजना में वित्तीय वर्ष 2023-2024 का तीसरा किस्त की राशि 55.47 प्रतिशत का भुगतान किया जा चुका है। प्रखण्ड विकास पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि लिल्टन लैबल तक कार्य होने पर किस्त दिया जाता है। लंबित योजनाओं को दो सप्ताह के अंदर पूर्ण करने हेतु प्रखण्ड विकास पदाधिकरी को निदेश दिया गया। वित्तीय वर्ष 2024-2025 में कुल लक्ष्य 1515 में से 1119 लाभुकों को प्रथम किस्त एवं 27 लाभुकों को द्वितीय किस्त का भुगतान किया गया है, इस संदर्भ में दो सप्ताह के अंदर पूर्ण करने हेतु प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को निदेश दिया गया।
बाबा साहेब भीम राव अम्बेडकर आवास योजना में वित्तीय वर्ष 2021-22 में 95. 45% एवं वित्तीय वर्ष-2022-23 में 96.67% तथा वर्ष-2023-24 में 93% पूर्ण हो चुकी है। जिसमें वर्षवार लगभग 6 से 7 प्रतिशत योजनाऐं लंबित है। इस संदर्भ में प्रखण्ड विकास पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि कुछ आवास वृद्ध महिला या पुरूष को मिले होते हैं। उनके मृत्यु के उपरांत कोई योजना को पूर्ण नहीं कर पाता है। इस संदर्भ में उनके करीबी रिस्तेदार को जिम्मेवारी देते हुए लंबित आवास योजनाओं को पूर्ण करने का निदेश दिया गया।

  1. 15 वें वित्त आयोगः 15वें वित्त आयोग में अनटाइड में काफी राशि षेश है जैसे हाहाप पंचायत अंतर्गत 2,15,869/- रूपये, राजाउलातु पंचायत अंतर्गत 5,72,865.71/- रूपयें एवं टाटी (पश्चिम) पंचायत में 8,75,108/- रूपये। टाईड ग्रांट में काफी राशि शेष है जैसे हुवानघाटु पंचायत में 5,90,007.44/- रूपये, राजाउलातु में 13,24,606.15/- रूपयें एवं टाटी (पश्चिम) में 16,84,188.35/- रूपये अवशेष है। 15 वें वित्त आयोग की बची हुई शेष राशि के संदर्भ में योजना लेते हुए इस पर कार्य करने का निदेश दिया गया, ताकि कोई भी राशि लेप्स ना हो।
  2. पर्यटनः- पर्यटन के क्षेत्र में दो अधिसूचित पर्यटन क्षेत्र है। इसके संदर्भ में जानकारी का आभाव प्रतीत हुआ। दोनों पर्यटन क्षेत्र में इस वर्ष योजना के संदर्भ में प्रतिवेदन लेते हुए योजना का प्रस्ताव जिला को भेजने का निदेश दिया गया, ताकि जिला पर्यटन समिति से इसका अनुमोदन होकर कार्य हो सके। इसके अतिरिक्त नये पर्यटन क्षेत्र का प्रस्ताव सभी मुखिया / पंचायत सचिव से लेते हुए जिला समिति को प्रस्ताव भेजने का निदेश दिया गया है (जैसे महिलौंग वाटर फॉल, होरहाप जंगल आदि)।
  3. मईयां सम्मान योजनाः- मईयां सम्मान योजना में प्रगति संतोषजनक है। मईयां सम्मान योजना अंतर्गत नामकुम प्रखण्ड में कुल 28,128 आवेदन प्राप्त हुये जिसमें 21,889 की स्वीकृत की जा चुकी है, 5918 आवेदन अभी लंबित है। शहरी क्षेत्र में अनुमोदन एवं भुगतान संतोषजनक है। ग्रामीण क्षेत्र में अभी भी कुछ लंबित है जिसे एक सप्ताह के अंदर समाप्त करने हेतु निदेश दिया गया। (सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा, राँची)

प्रखण्ड विकास पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि कुल आवेदन प्रखण्ड के बाहर के आवेदकों द्वारा भूलवश इस प्रखण्ड में आ गए हैं, किंतु अस्वीकृत करने से वे पुनः सही प्रखण्ड/अंचल में अप्लाई नहीं कर सकेंगे। निष्पादन के संबंध में जिला स्तर पर सहायक निदेशक, सामाजिक सुरक्षा, राँची से स्पष्ट निदेश की आवश्यकता है।

  1. जेएसएलपीएस:- जेएसएलपीएस के कार्य की समीक्षा के दौरान दीदी समूह द्वारा सराहनीय कार्य किया जा रहा है। सब्जियाँ प्रखण्ड में वृहत पैमाने पर उग रही हैं तथा खाद्यान्न जिले के निकट प्रखण्डों से लाकर प्रोसेस किया जा रहा है। पशुपालन में भी रूचि प्रतीत हो रही है। उच्च मूल्य वाले उत्पादन यथा ब्रोकली, मशरूम, ड्रैगन फ्रूट, फ्लावर्स, कड़कनाथ मुर्गी आदि के उत्पादन पर केन्द्रित किया जा सकता है तथा बाजार से जुड़ाव बेहतर हो सकता है। प्रखण्ड विकास पदाधिकारी द्वारा सामयिक समीक्षा की आवश्यकता है।
  2. प्रखण्ड कार्यालय में प्रखण्ड का स्पष्ट नक्शा तथा सामान्य जानकारी प्रकाशित नहीं थी। समुचित नक्शा तथा सामान्य जानकारी यथा-साक्षरता, जनगणना, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या आदि के संदर्भ में सूचना समेकित करते हुए किसी प्रत्यक्ष जगह पर प्रकाशित करने का निदेश दिया गया। जिसमें प्रखण्ड के सभी प्रमुख सड़के, जलाशय, सभी पंचायत, मौजा आदि की सीमा बनी हुई हो तथा महत्वपूर्ण जगह दर्शाया गया हो।
  3. प्रखण्ड भवन की साफ-सफाई संतोषजनक पायी गई।

अंचल कार्यालय

  1. दाखिल-खारिजः– अंचल में दाखिल-खारिज के लंबित मामलों को देखते हुए खेद प्रकट किया गया और 30 दिन के उपर वाले बिना आपत्ति वाले कुल 1358 मामले एवं 90 दिन से आपत्ति वाले कुल 566 मामले हैं। । जिसे एक सप्ताह के अंदर समाप्त करने का निदेश दिया गया ।
  2. परिशोधनः- परिशोधन के मामले पर ध्यान का अभाव दिखा। परिशोधन में कुल 158 शिकायत प्राप्त हुये हैं, जिसमें 24 का निष्पादन किया गया है एवं 70 मामले को अस्वीकृत किया गया है तथा 103 मामले लंबित है। इसको दो सप्ताह के अंदर समाप्त करने का निदेश दिया गया।
  3. अतिक्रमणः-अंचल स्तर पर बिहार भूमि सुधार अधिनियम की धारा-4एच एवं अतिक्रमण संबंधित वाद संधारित नहीं है। पूछने पर बताया गया कि चार-पाँच वर्षों से ऐसी कोई वाद नहीं चले हैं। अंचल अधिकारी को सभी राजस्व उप निरीक्षक से प्रतिवेदन लेते हुए गैर मजरूआ जमीन और संदेहास्पद जमाबंदी की पहचान करते हुए इसका नियमानुसार अभिलेख तैयार कर कार्रवाई करने का निदेश दिया गया।
  4. थाना दिवसः-अंचल अधिकारी द्वारा बताया गया कि थाना दिवस अभी भी सुचारू रूप से संचालित नहीं है। अंचल अधिकारी को प्रत्येक माह थाना दिवस सुचारू रूप से संचालित करने का निदेश दिया गया, ताकि भूमि विवाद का आपसी सहमति से सम्मवय स्थापित करते हुए निष्पादन किया जा सके।
  5. अंचल अधिकारी द्वारा झारभूमि वेबसाइट दिखायी गई। जिसकी गति काफी धिमि थी। इस गति से काम करने में काफी परेशानी होती है। इसको काम लायक बनाने हेतु इस पर कार्य किये जाने की आवश्यकता है।

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