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Lok Sabha Election: झारखंड में प्रचार के दौरान ‘भारत’ गठबंधन का सबसे बड़ा चेहरा बनकर उभरीं कल्पना सोरेन….

Lok Sabha Election 2024: झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के 31 जनवरी को जेल जाने के बाद सक्रिय राजनीति में कदम रखने वाली उनकी पत्नी कल्पना मुर्मू सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा में फिलहाल किसी ओहदे पर नहीं हैं.

रांची:  झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन के 31 जनवरी को जेल जाने के बाद सक्रिय राजनीति में कदम रखने वाली उनकी पत्नी कल्पना मुर्मू सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा में फिलहाल किसी ओहदे पर नहीं हैं.।

कल्पना सोरेन के मीडिया सलाहकार और झामुमो प्रवक्ता डॉ. तनुज खत्री के मुताबिक चुनाव प्रचार के दौरान उन्होंने 353 छोटी-बड़ी सभाएं कीं। उन्होंने राज्य के लोकसभा क्षेत्रों में कुल 51 बड़ी रैलियों में हिस्सा लिया। दिल्ली और मुंबई में “भारत” गठबंधन द्वारा आयोजित संयुक्त रैलियों में भी उन्होंने झारखंड मुक्ति मोर्चा का प्रतिनिधित्व किया। 21 अप्रैल को रांची में “भारत” गठबंधन की संयुक्त रैली के बाद वे गठबंधन का सबसे बड़ा चेहरा बन गईं।

गिरिडीह जिले के गांडेय विधानसभा क्षेत्र में हुए उपचुनाव में कल्पना सोरेन प्रत्याशी थीं और इस दौरान उन्होंने अपने क्षेत्र में 300 सभाएं और बैठकें कीं। गिरिडीह में झारखंड मुक्ति मोर्चा के स्थापना दिवस पर आयोजित रैली के साथ ही कल्पना सोरेन ने औपचारिक रूप से राजनीति में प्रवेश किया। बारह दिन बाद जब Lok Sabha Election और झारखंड के गिरिडीह जिले के गांडेय विधानसभा सीट पर उपचुनाव की घोषणा हुई, तो उन्होंने पार्टी और गठबंधन की ओर से प्रचार की कमान संभाली।

उन्होंने राज्य के सभी 14 लोकसभा क्षेत्रों में गठबंधन उम्मीदवारों के पक्ष में जनसभाएं कीं और ढाई महीने के भीतर राज्य का लगभग सफाया कर दिया। पार्टी की ओर से उन्हें एक हेलीकॉप्टर मुहैया कराया गया था, जिससे वे एक दिन में तीन-चार रैलियां करती थीं।

झामुमो प्रवक्ता डॉ तनुज खत्री ने कहा, चुनावी रैलियों, जनसभाओं और जनसंपर्क के दौरान कल्पना जी को हर वर्ग के लोगों का जिस तरह का समर्थन मिला, वह अकल्पनीय है। उनकी हर सभा में भीड़ मंच पर पहुंचती रही। लोग उन्हें सुनने के लिए घंटों इंतजार करते रहे। उन्होंने हर सभा में महिलाओं और युवाओं से सीधा संवाद किया और हमें उम्मीद है कि उनकी अथक मेहनत का नतीजा 4 जून को चुनाव नतीजों में दिखेगा। कल्पना सोरेन ने चुनावी जनसभाओं में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। इसके अलावा उन्होंने आदिवासियों, महिलाओं और युवाओं के लिए सरकार के कामों का ब्योरा अपने अंदाज में पेश किया। उन्होंने अपने भाषणों में केंद्र सरकार और भाजपा पर निशाना भी साधा।

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