JSSC CGL की तीसरी पाली की सामान्य ज्ञान परीक्षा रद्द, परीक्षा का पेपर लीक…
रांची: JSSC (झारखंड कर्मचारी चयन आयोग) द्वारा रविवार (28 जनवरी) को आयोजित झारखंड सामान्य स्नातक योग्यता संयुक्त प्रतियोगिता (JSSC CGL) की तीसरी पाली की परीक्षा रद्द कर दी गई है. आयोग ने रविवार देर रात परीक्षा रद्द करने की अधिसूचना जारी कर दी है. जिनकी परीक्षा दोबारा होगी उनके लिए अलग से एडमिट कार्ड और परीक्षा तिथि की घोषणा जल्द ही की जाएगी.
बता दें कि झारखंड में प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक और नकल को रोकने के लिए सख्त कानून लागू हैं. इस कानून में प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक करने पर न्यूनतम 10 साल की सजा और अधिकतम आजीवन कारावास से लेकर 10 करोड़ रुपये तक के जुर्माने तक के कड़े प्रावधान हैं। पेपर लीक और नकल से जुड़े मामलों में बिना प्रारंभिक जांच के एफआईआर और गिरफ्तारी का भी प्रावधान है।
पूरा मामला
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की ओर से 28 जनवरी को तीनों पालियों में सीजीएल परीक्षा आयोजित की गई थी. परीक्षा कदाचारमुक्त हो इसके लिए व्यापक इंतजाम किये गये थे, लेकिन सारी व्यवस्थाएं धरी की धरी रह गयीं. हर बार की तरह इस बार भी छात्रों के भविष्य पर कदाचार की तलवार लटक गयी है. परीक्षा शुरू होने से पहले ही पेपर लीक हो गया था.
दरअसल, परीक्षा शुरू होने से पहले ही पेपर लीक हो गया था. हालांकि, रविवार (28 जनवरी) को पहली और दूसरी पाली की परीक्षा कुशलतापूर्वक संपन्न हो गई. जेएसएससी के एक अधिकारी ने बताया कि शिकायत मिली थी कि पेपर लीक हो गया है. इससे पहले पेपर लीक की शिकायत के बाद अभ्यर्थियों ने रांची समेत कई जिलों में हंगामा और प्रदर्शन किया था. अभ्यर्थियों का आरोप है कि सामान्य ज्ञान के प्रश्न लीक हो गये हैं. परीक्षा से 3 घंटे पहले पेपर लीक हो गया. पेपर पर करीब 70 सवाल और उनके जवाब लिखे हुए थे. प्रश्नपत्र से प्रश्न का मिलान किया गया तो 70 से 80 उत्तर सही पाये गये. इस मामले में छात्र सरकार से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं.

बाबूलाल मरांडी ने जेएसएससी परीक्षा पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच की मांग की
इस बीच, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने रविवार को जेएससीसी द्वारा आयोजित सीजीएल परीक्षा में कथित पेपर लीक की सीबीआई जांच की मांग की है. उन्होंने कहा कि कई छात्रों ने उत्तर पुस्तिकाएं सोशल मीडिया पर जारी की हैं. साथ ही व्हाट्सएप पर भी परीक्षा से पहले प्रश्नपत्र आ रहे हैं. राज्य सरकार द्वारा आयोजित यह परीक्षा भ्रष्टाचार के दायरे में आ गयी है. मामले की जांच सीबीआई से करायी जानी चाहिए.
उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार युवाओं के साथ खिलवाड़ कर रही है. पूरी परीक्षा में भ्रष्टाचार की बू आ रही थी। कानूनी कार्रवाई में फंसने के डर से युवा इस परीक्षा में होने वाले भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज नहीं उठा पाते हैं.