LATEST NEWS

‘3 लाख वैकेंसी, फिर भी नहीं दे रहे नौकरी’, झारखंड के विधायक अपनी ही सरकार पर बरसे

लोबिन हेंब्रम झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता और झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक नेताओं में से एक हैं। वह 14 महीने की झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) सरकार में खाद्य आपूर्ति मंत्री भी थे। उन्होंने कहा कि पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में हर साल पांच लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था, जो अब तक खोखला साबित हुआ है.

झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) विधायक लोबिन हेंब्रम एक बार फिर से मैदान में हैं

अपनी ही सरकार और मुख्यमंत्री के खिलाफ खोला मोर्चा. हेमंत सोरेन की पार्टी के विधायक ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को चुनावी वादा याद दिलाते हुए उन पर वादाखिलाफी का गंभीर आरोप लगाया है. लोबिन हेंब्रम ने आरोप लगाया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अपने घोषणा पत्र में हर साल पांच लाख युवाओं को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था, जो अब तक खोखला साबित हुआ है. हकीकत तो यह है कि सरकार में विभिन्न स्तरों पर तीन लाख से ज्यादा पद खाली हैं, जिन पर नियुक्ति के लिए आवेदन जारी नहीं किये जा रहे हैं.

अखबारों में सरकार की खबरें दरअसल रघुवर दास सरकार के दौरान नियुक्ति प्रक्रिया पूरी की गयी थी.

उनका आरोप है कि आदिवासी सरकार में आदिवासियों के लिए कुछ नहीं किया गया है. चाहे युवाओं को रोजगार देना हो या स्थानीय नीतियां लागू करना, हेमंत सोरेन सरकार ने उन आदिवासियों को निराश किया है जिनका वे प्रतिनिधित्व करते हैं।

स्थानीय नीति लागू नहीं करने के कारण 2013 में अर्जुन मुंडा की सरकार को हेमंत सोरेन ने गिरा दिया था, जिसके बाद वह खुद 14 महीने तक सरकार में रहे लेकिन स्थानीय नीति को हेमंत सोरेन ने लागू नहीं किया. अब जब सरकार 4 साल पूरे करने वाली है दूसरे कार्यकाल में भी हेमन्त सोरेन अब तक स्थानीय नीति लागू नहीं कर पाये हैं. उन्होंने हेमन्त सोरेन सरकार को आदिवासियों के साथ धोखा करार देते हुए कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जो भी चुनावी वादे किये थे उनमें से एक भी वादा हेमन्त सोरेन ने पूरा नहीं किया है. सरकार।

कौन हैं लोबिन हेनब्रोम?
लोबिन हेंब्रम झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता और झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक नेताओं में से एक हैं। वह 14 महीने की झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) सरकार में खाद्य आपूर्ति मंत्री भी थे। 1990 में झामुमो से टिकट पाकर वे विधायक बने. फिर 1995 में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने उन्हें पार्टी का टिकट नहीं दिया. उन्होंने निर्दलीय चुनाव लड़ा और दोबारा विधायक बने। तब से वह एक बार को छोड़कर लगातार विधायक रहे हैं, फिलहाल वह विधायक हैं।

लोबिन हेंब्रम कहते हैं कि मैं गुरुजी का सच्चा सिपाही हूं. 53 संगठनों को मिलाकर झारखंड बचाओ मोर्चा का गठन किया गया है, मैं उस पार्टी के खिलाफ नहीं बोलता, जो चुनाव के दौरान झामुमो का चुनावी वादा था, मैं सरकार को आईना दिखा रहा हूं. झारखंड से लोग रोजगार के लिए दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं. हेमंत का वादा पूरा नहीं हुआ. आने वाले समय में झारखंड की जनता हेमंत सोरेन को आईना दिखाएगी.

लोबिन हेंब्रम समय-समय पर हेमंत सोरेन सरकार के खिलाफ हमला बोलते रहे हैं
उनकी अपनी सरकार. कुछ दिन पहले सरकार से अनबन के कारण लोबिन हेंब्रम की सुरक्षा भी कम कर दी गई थी. विरोध स्वरूप उन्होंने तीर-धनुष के साथ सुरक्षा गार्ड बैठाकर सरकार पर करारा तमाचा मारा था. हेमंत सोरेन की अब तक की चार साल की सरकार के दौरान लोबिन हेंब्रम ने जनता से वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कई बार अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा किया है.

बीजेपी विधायक
लोबिन हेंब्रम रोजगार, स्थानीय नीति समेत तमाम मुद्दों पर हेमंत सोरेन सरकार पर लगातार आरोपों को लेकर हमलावर रहे हैं.

इस संबंध में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया पर लोबिन हेम्ब्रम के बयान को कोड करते हुए कहा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक नेताओं में से एक वरिष्ठ नेता लोबिन हेम्ब्रम खुद सरकार की विफलताओं को उजागर कर रहे हैं, इससे साबित होता है हेमंत सोरेन सरकार जनता की कसौटी पर कितनी खरी उतरी है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Verified by MonsterInsights