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Jharkhand Election 2024: ओबीसी-आदिवासी कार्ड खेलने की तैयारी में जुटी पार्टियां, विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक दलों का प्लान तैयार

Jharkhand Election 2024: झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। सभी दलों द्वारा अपने-अपने हिसाब से चुनावी मुद्दे तैयार किए जा रहे हैं।

रांची: झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सभी दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। भाजपा, कांग्रेस, झामुमो और आजसू चुनावी रणनीति और रूपरेखा बनाने में जुटी हैं। लोकसभा चुनाव के नतीजों और वोटों के आंकड़ों का विश्लेषण कर मजबूत और कमजोर मोर्चों की पहचान की जा रही है और अपने हिसाब से चुनावी मुद्दे तैयार किए जा रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी ने झारखंड में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान को चुनाव प्रभारी और असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा को सह प्रभारी नियुक्त किया है। दोनों ही पार्टी में अचूक चुनावी रणनीतिकार के तौर पर जाने जाते हैं। दूसरे, शिवराज सिंह चौहान राज्य में ओबीसी राजनीति के लिए उपयुक्त चेहरा हैं।

इससे पहले 2014 में भाजपा ओबीसी नेता के तौर पर रघुवर दास को आगे कर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में सफल रही थी। झारखंड में ओबीसी की आबादी करीब 50 से 55 फीसदी है, जिन्हें भाजपा के पक्ष में गोलबंद करने की जिम्मेदारी भाजपा पर होगी। झारखंड से दो सांसद अन्नपूर्णा देवी और संजय सेठ ओबीसी से हैं। 18 जून को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने झारखंड के प्रमुख भाजपा नेताओं के साथ दिल्ली में बैठक कर चुनावी रणनीति पर चर्चा की। लोकसभा चुनाव में जहां भी कमी रह गई है, वहां डैमेज कंट्रोल की कारगर योजना बनाई जाए। प्रत्येक बूथ पर मिलने वाले वोट को ध्यान में रखकर काम किया जाए। बैठक में झारखंड के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, पूर्व केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी, प्रदेश प्रभारी लक्ष्मीकांत वाजपेयी, संगठन महासचिव करमवीर सिंह समेत राज्य के अन्य प्रमुख नेता मौजूद थे। 23 जून को शिवराज सिंह चौहान और हिमंत बिस्वा सरमा रांची आ रहे हैं। दोनों राज्य भर के प्रमुख नेताओं के साथ आगे की रणनीति तय करेंगे। हिमंत बिस्वा सरमा के अनुसार, “हम इस बार चुनाव जीतकर झारखंड में सरकार बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। लोकसभा चुनाव में हमने राज्य की 14 में से 9 सीटें जीती थीं। जहां कोई कमी होगी, उसे हम मिलकर दूर करेंगे।

दूसरी ओर, कांग्रेस नेतृत्व ने 24 जून को दिल्ली में झारखंड के पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई है। उन्हें लोकसभा और पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रदर्शन, सीटों के तालमेल और संगठनात्मक प्रदर्शन की पूरी रिपोर्ट देने को कहा गया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी नेता राहुल गांधी झारखंड के कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर, प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर और अन्य नेताओं के साथ चुनावी रणनीति तय करेंगे।

पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 33 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इस बार भी उन्हीं सीटों पर फोकस किया जा रहा है। झामुमो के नेतृत्व वाली सरकार भी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले लोकप्रिय फैसले लेकर अपने पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश कर रही है। सरकार ने जाति जनगणना कराने, गरीब तबके की 25 से 49 वर्ष की महिलाओं को एक हजार रुपये प्रतिमाह आर्थिक सहायता, 200 यूनिट तक मुफ्त बिजली, रसोई गैस में सब्सिडी जैसी कई घोषणाएं की हैं। कल्पना सोरेन लगातार राज्य के अलग-अलग हिस्सों में कार्यक्रमों में जा रही हैं। एनडीए के घटक दल आजसू ने भी नवंबर तक पदयात्रा, प्रवास, जिला और गांव सम्मेलन जैसे कार्यक्रम तय किए हैं। पार्टियां अपने एजेंडे के मुताबिक ओबीसी आरक्षण, सरना आदिवासी धर्म कोड, बांग्लादेशी घुसपैठ जैसे मुद्दे उठा रही हैं।

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