झारखंड के मुख्यमंत्री ने खनिज ब्लॉकों की नीलामी, संचालन में तेजी लाने का निर्देश दिया
अनिच्छुक कंपनियों का आवंटन रद्द करने का निर्देश
रांची, 8 फरवरी: झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने गुरुवार को अधिकारियों को राज्य में खनिज ब्लॉकों की नीलामी और संचालन में तेजी लाने का निर्देश दिया।
सोरेन खान एवं भूतत्व विभाग के कार्यों की प्रगति की समीक्षा कर रहे थे.
यह कहते हुए कि खनन राज्य के लिए राजस्व के मुख्य स्रोतों में से एक है, उन्होंने कहा कि किसी भी देरी से राजस्व में हानि होती है।
उन्होंने कहा कि जिन खनन ब्लॉकों की नीलामी या आवंटन हो चुका है, उन पर परिचालन जल्द से जल्द शुरू किया जाना चाहिए।
सोरेन ने अधिकारियों को निर्देश दिया, “खनन कार्यों में रुचि नहीं दिखाने वाली कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी करें और फिर उनका आवंटन रद्द करें।”
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार द्वारा चिन्हित 10 खनिज ब्लॉकों की नीलामी या आवंटन प्रक्रिया फरवरी के अंत तक पूरी की जानी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि खनिज ब्लॉकों में गतिविधियां शुरू करने में वन मंजूरी बाधा नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि यदि कोई समस्या है तो खनन विभाग के अधिकारियों को वन विभाग के साथ मिलकर उसे सुलझाना चाहिए।
चंपई सोरेन ने अधिकारियों को यह भी सलाह दी कि जिस कंपनी या संस्था को खनन कार्य की जिम्मेदारी दी गयी है, उसके साथ बैठक कर जल्द खनन कार्य शुरू करायें. जो कंपनियां खनन कार्य में रुचि नहीं दिखा रही हैं, उन्हें शो कॉज कर आवंटन रद्द करें.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि वृहद एवं लघु खनिज ब्लॉकों की नीलामी प्रक्रिया से संबंधित सभी कार्यवाही मार्च 2024 तक पूरी कर ली जाये।
चंपई सोरेन ने अधिकारियों को उन सभी कोयला ब्लॉकों में तुरंत खनन कार्य शुरू करने का निर्देश दिया, जिनकी नीलामी हो चुकी है और खनन कार्य अभी तक शुरू नहीं हुआ है। यह ध्यान रखें कि खनन कार्य में देरी से राजस्व की हानि होती है।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिन कोल ब्लॉकों का फॉरेस्ट क्लीयरेंस नहीं हुआ है, उन कोल ब्लॉकों के लिए वन विभाग के प्रधान सचिव के साथ बैठक कर फॉरेस्ट क्लीयरेंस की सभी प्रक्रियाएं पूरी करें, ताकि जल्द से जल्द खनन कार्य शुरू हो सके. .
मुख्यमंत्री ने बालू घाट नीलामी के संबंध में भी जानकारी प्राप्त की और अधिकारियों को निर्देश दिया कि उपभोक्ताओं को आसानी से और उचित मूल्य पर बालू मिल सके, इसके लिए विभाग लगातार मॉनिटरिंग करे, ताकि लोगों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो. बालूघाट की टेंडर प्रक्रिया में यदि कोई बाधा उत्पन्न हो रही है तो उसका शीघ्र समाधान किया जाये.
चंपई सोरेन ने अधिकारियों को खनन विभाग में जियोलॉजिस्ट के स्वीकृत पद को देखते हुए संविदा के आधार पर नियुक्ति करने और नियमित नियुक्ति के लिए जेपीएससी को अधियाचना भेजने का निर्देश दिया.