Jayant Sinha: जयन्त सिन्हा ने वोट क्यों नहीं दिया? बीजेपी के नोटिस पर दिया ऐसा जवाब कि फंस गई पार्टी!
Jayant Sinha Replied On BJP: चुनाव में वोट नहीं देने के सवाल पर जवाब देते हुए जयंत सिन्हा ने कहा कि 10 मई को वह कुछ महत्वपूर्ण व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं के कारण विदेश गए थे. इसकी जानकारी लोकसभा अध्यक्ष को भी दी गई. उन्होंने आगे कहा कि विदेश दौरे पर जाने से पहले मैंने पोस्टल बैलेट प्रक्रिया के जरिए अपना वोट डाला था.
Jayant Sinha Replied On BJP Notice: झारखंड बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने पार्टी की ओर से जारी कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर दो पेज का लेटर शेयर कर सभी सवालों के जवाब दिए हैं. इस चुनाव में पार्टी के लिए प्रचार न करने और वोट न देने के सवाल पर जयंत सिन्हा ने ऐसा जवाब दिया कि अब पार्टी फंस गई है. उन्होंने कहा है कि पार्टी के खिलाफ काम करने के आरोप बेबुनियाद हैं. प्रचार न करने के एक सवाल का जवाब देते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ”मैंने इस लोकसभा चुनाव से काफी पहले ही सक्रिय चुनाव कर्तव्यों से दूर रहने का फैसला किया था और इस बारे में पार्टी अध्यक्ष जे.पी.नड्डा को भी बता दिया था।”
चुनाव में वोट नहीं देने के सवाल का जवाब देते हुए जयंत सिन्हा ने कहा कि 10 मई को वह कुछ महत्वपूर्ण व्यक्तिगत प्रतिबद्धताओं के कारण विदेश गए थे. इसकी जानकारी लोकसभा अध्यक्ष को भी दी गई. ”विदेश जाने से पहले मैंने पोस्टल बैलट प्रक्रिया के माध्यम से अपना वोट डाला था, इसलिए यह आरोप लगाना गलत है कि मैंने अपना मतदान कर्तव्य नहीं निभाया।” झारखंड बीजेपी के प्रदेश महासचिव आदित्य साहू के नोटिस का जवाब देते हुए, जयंत सिन्हा ने कहा, ”ओवर द पिछले कई दशकों में, मैंने कई महत्वपूर्ण और सार्थक राष्ट्रीय नीति पहलों में पार्टी का समर्थन किया है। इन पदों पर मेरे काम की सभी ने सराहना की है। इन योगदानों और ऊपर उल्लिखित परिस्थितियों को देखते हुए, मेरे विचार से यह अनुचित है कि आप इस पत्र को सार्वजनिक रूप से जारी कर रहे हैं।
“2 मार्च, 2024 को मेरी घोषणा के बाद, झारखंड के किसी भी वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारी या सांसद/विधायक ने मुझसे संपर्क नहीं किया। मुझे कभी भी किसी पार्टी कार्यक्रम, रैली या संगठनात्मक बैठक के लिए आमंत्रित नहीं किया गया। अगर पार्टी चाहती थी कि मैं चुनावी गतिविधियों में भाग लूं, आप मुझसे संपर्क कर सकते थे. अगर बाबूलाल मरांडी जी चाहते थे कि मैं कार्यक्रमों में शामिल होऊं तो वे मुझे जरूर बुला सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. जयंत सिन्हा के इस जवाब के बाद अब पार्टी को प्रदेश महासचिव आदित्य साहू की आलोचना का सामना करना पड़ रहा है .