India-Pakistan Ceasefire LIVE Updates: भारत और PAK के DGMO की बातचीत का वक्त बदला, अब शाम 5 बजे होगी वार्ता
भारत और पाकिस्तान के बीच डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) स्तर की बातचीत, जो पहले 12 मई 2025 को दोपहर 12 बजे निर्धारित थी, अब समय बदलकर शाम 5 बजे कर दी गई है। यह जानकारी विभिन्न समाचार स्रोतों और X पर पोस्ट से मिली है। यह वार्ता 10 मई 2025 को दोनों देशों के बीच सैन्य कार्रवाइयों को रोकने के लिए बनी सहमति के बाद हो रही है, जिसे ऑपरेशन सिंदूर के बाद लागू किया गया था। हालांकि, पाकिस्तान ने उसी दिन देर रात इस समझौते का उल्लंघन किया, जिसके बाद तनाव बढ़ गया था।
प्रमुख बिंदु:
बातचीत का उद्देश्य:
यह वार्ता भारत और पाकिस्तान के DGMO—लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई और मेजर जनरल कासिफ चौधरी—के बीच होगी, जिसमें युद्धविराम की स्थिति की समीक्षा और इसके दीर्घकालिक पालन को सुनिश्चित करने पर चर्चा होगी।
भारत ने स्पष्ट किया है कि बातचीत केवल सैन्य स्तर पर होगी, और कश्मीर या सिंधु जल संधि जैसे मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं होगी।
पृष्ठभूमि:
10 मई को, पाकिस्तान के DGMO ने भारतीय DGMO को दोपहर 3:35 बजे फोन किया, और दोनों पक्षों ने शाम 5 बजे से जमीन, हवा और समुद्र में सभी सैन्य कार्रवाइयों को रोकने पर सहमति जताई।
इसके बावजूद, पाकिस्तान ने कुछ घंटों बाद जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर में गोलीबारी और ड्रोन गतिविधियों के जरिए युद्धविराम का उल्लंघन किया।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने इन उल्लंघनों की निंदा की और कहा कि भारतीय सशस्त्र बल “उचित और कड़ा जवाब” दे रहे हैं।
वर्तमान स्थिति:
भारतीय सेना ने 12 मई की सुबह बताया कि जम्मू-कश्मीर और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रात शांत रही, जो पिछले कई दिनों में पहली शांत रात थी।
पंजाब, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में सामान्य जनजीवन धीरे-धीरे बहाल हो रहा है। 32 हवाई अड्डों पर नागरिक उड़ानें फिर से शुरू हो गई हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने DGMO वार्ता से पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, NSA अजीत डोवल और तीनों सेना प्रमुखों के साथ एक उच्च-स्तरीय सुरक्षा बैठक की।
ऑपरेशन सिंदूर का प्रभाव:
ऑपरेशन सिंदूर, जो 22 अप्रैल 2025 के पहलगाम आतंकी हमले (जिसमें 26 लोग मारे गए) के जवाब में 7 मई को शुरू हुआ, ने पाकिस्तान और PoK में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया।
DGMO लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने बताया कि 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिनमें IC-814 अपहरण और पुलवामा हमले के जिम्मेदार यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदस्सिर अहमद शामिल थे।
भारतीय वायुसेना ने 11 पाकिस्तानी हवाई अड्डों को नष्ट किया, और नौसेना ने सटीक हथियारों का समर्थन किया।
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया:
पाकिस्तान ने स्वीकार किया कि उसके एक विमान को “मामूली नुकसान” हुआ, लेकिन विस्तृत जानकारी नहीं दी।
पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री इशाक दार ने कहा कि दोनों देशों ने “तत्काल प्रभाव से युद्धविराम” पर सहमति जताई है, और पाकिस्तान क्षेत्र में शांति के लिए प्रतिबद्ध है।
अंतरराष्ट्रीय भूमिका:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया कि युद्धविराम अमेरिकी मध्यस्थता का परिणाम था, लेकिन भारत ने स्पष्ट किया कि यह दोनों देशों के बीच सीधी बातचीत से हुआ।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो और उप-राष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने दोनों देशों के नेताओं से बात की, लेकिन भारत ने केवल DGMO स्तर की बातचीत पर जोर दिया।
महत्वपूर्ण टिप्पणी:
हालांकि युद्धविराम से तनाव कम हुआ है, लेकिन पाकिस्तान के बार-बार उल्लंघन ने इसकी नाजुकता को उजागर किया है। भारत ने सैन्य तत्परता बनाए रखी है, और DGMO वार्ता से यह स्पष्ट होगा कि क्या यह समझौता दीर्घकालिक शांति की ओर ले जाएगा। ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को आतंकवाद के समर्थन की भारी कीमत चुकाने का संदेश दिया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि 1947 से चले आ रहे संघर्ष का स्थायी समाधान जटिल है।