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हेमंत सोरेन को जेल हुई लेकिन आप उनकी हिम्मत को कहां रोकेंगे- बसंत सोरेन

दुमका : झामुमो के दुमका लोकसभा प्रत्याशी नलिन सोरेन, महेशपुर विधायक प्रो स्टीफन मरांडी व मंत्री बसंत सोरेन रविवार की शाम मसलिया प्रखंड के खुटोजोरी पंचायत अंतर्गत मुर्गीमोड़ के पास पहुंचे. जहां सबसे पहले स्थानीय महिला कार्यकर्ताओं द्वारा आदिवासी रीति-रिवाज के साथ फूल-मालाएं व गुलदस्ता भेंट कर उनका स्वागत किया गया. इसके बाद झामुमो प्रखंड अध्यक्ष प्रखंड प्रमुख बासुदेव टुडू की अध्यक्षता में बैठक शुरू हुई.

बैठक में उपस्थित कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए लोकसभा प्रत्याशी नलिन सोरेन ने कहा कि कई वर्षों के बाद मुझे मसलिया क्षेत्र के मुर्गीमोड़ आने का सौभाग्य मिला है. मुझे याद है कि उस समय झारखंड राज्य को अलग करने के लिए आंदोलन चल रहा था और इसी मौके पर हमें और मेरे एक साथी नरसिंह मुखिया को पुलिस ने गिरफ्तार कर देवघर जेल भेज दिया था. काफी संघर्ष के बाद झारखंड अलग होने के बाद माननीय गुरुजी शिबू सोरेन लोकसभा सदस्य के रूप में जीते. गुरुजी के पुत्र हेमन्त सोरेन अपने मुख्यमंत्रित्व काल में कई ऐसी योजनाएं लाए, जिससे यहां के गरीबों, दलितों, आदिवासियों और आम लोगों के विकास की शुरुआत हुई। इसे देखते हुए एनडीए सरकार ने आनन-फ़ानन में उन पर आरोप लगाया और उन्हें जेल भेज दिया. लेकिन उनके जेल जाने से झामुमो कमजोर होने के बजाय और मजबूत होता जा रहा है, उसे अधिक लोगों का समर्थन मिल रहा है. आज के समय में गुरुजी का स्वास्थ्य इतना अच्छा नहीं है इसलिए आज उनकी जिम्मेदारी मुझे सौंपी गयी है. सभी से अनुरोध है कि आगामी लोकसभा चुनाव में अपने प्रत्याशियों को जीत दर्ज कराएं।

इस मौके पर कार्यक्रम में मौजूद मंत्री बसंत सोरेन ने कहा कि बीजेपी ने हेमंत सोरेन को जेल में बंद कर दिया है लेकिन वह अपनी हिम्मत कहां रोक पाएंगे. हर पांच साल में चुनाव एक नई चुनौती लेकर आते हैं। सब जानते हैं कि 2019 में हमारी सरकार बनने के बाद से बीजेपी लगातार बदनाम करने और सरकार गिराने की कोशिश कर रही है. दो साल कोरोना महामारी में बीते. हमारी सरकार ने उस समय प्रवासी मजदूरों के दुख-दर्द को समझते हुए उन्हें सुरक्षित घर पहुंचाने का काम किया। बीजेपी को लगा कि ये सब क्या हो रहा है, सब कुछ ठीक होने लगा है. अब हमारा क्या होगा, इसलिए साजिश के तहत हेमंत सोरेन को जेल भेजने का काम किया गया है.

महेशपुर विधायक स्टीफन मरांडी ने कहा कि अगर आज हेमंत सोरेन ने बीजेपी से समझौता कर लिया होता तो वे जेल नहीं जाते. यह बीजेपी की हमारे सामने आत्मसमर्पण करने की कोशिश थी.’ लेकिन उन्होंने आत्मसमर्पण न करके बड़ी ताकत का परिचय दिया है और पार्टी का सम्मान बचाने के लिए बहुत बड़ा बलिदान दिया है. दूसरी कोशिश ये हुई कि बीजेपी घर की बहू सीता सोरेन को अपने साथ ले ले. हम हर सभा में यही कह रहे हैं कि हमारी लड़ाई सीता सोरेन से नहीं है, हमारी लड़ाई बीजेपी से है, आज बीजेपी जो झारखंड के नेतृत्व को बर्बाद करना चाहती है, हम सबको मिलकर उसके मंसूबे को ध्वस्त करना है और आने वाले चुनाव में लोकसभा प्रत्याशी नलिन झामुमो के गढ़ कहे जाने वाले क्षेत्र में सोरेन को भारी मतों से जीत दिलानी है. यहां तीन ऐसे लोग झामुमो की कार्यशैली से प्रेरित होकर पार्टी में शामिल हुए, जो भाजपा के कार्यकर्ता थे. जिसमें राजदेव सोरेन, रोहित सोरेन और महादेव कुमार शामिल थे.

इस अवसर पर प्रखंड अध्यक्ष बासुदेव टुडू, प्रखंड सचिव असित बरन गोलदार, झामुमो राज्य कमेटी सदस्य निशित बरन गोलदार, कादिर रजा, अजय साह, धर्मेंद्र बेसरा, लखींद्र मंडल, नूरे आलम, नरेश मरांडी, धीरेन मिस्त्री, नईम अंसारी, आरिफ अंसारी, मतीन अंसारी, हैदर अंसारी, जियालाल मुर्मू, उमेश मोदी, वीरेंद्र किस्कू, रफीक आलम आदि मौजूद थे।

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