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Hemant Soren साढ़े तीन महीने से जेल में हैं और जमानत के लिए हाई कोर्ट में गुहार लगा रहे हैं….

Hemant Soren: Hemant Soren की ओर से दायर जमानत याचिका में कहा गया है कि ईडी ने उनके खिलाफ जो 8.86 एकड़ जमीन ली है, उससे जुड़ा कोई दस्तावेज नहीं लिया है. यह झारखंड के सीएनटी (छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम) के तहत भुईंहारी प्रकृति की भूमि है, जिसे किसी भी परिस्थिति में किसी भी व्यक्ति के नाम पर हस्तांतरित नहीं किया जा सकता है।

Ranchi: जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद झारखंड के पूर्व सीएम Hemant Soren ने अब झारखंड हाई कोर्ट में जमानत याचिका दायर की है. इससे पहले 22 मई को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की इजाजत के बाद ईडी की कार्रवाई और गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका वापस ले ली थी. इस मामले में रांची की विशेष पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) अदालत ने 13 मई को Hemant Soren की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.

Hemant Soren की ओर से दायर जमानत याचिका में कहा गया है कि 8.86 एकड़ जमीन पर कब्जे का आरोप लगाते हुए ईडी ने उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की है, ईडी के पास इससे जुड़ा एक भी दस्तावेज नहीं है. यह झारखंड के सीएनटी (छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम) के तहत भुईंहारी प्रकृति की भूमि है, जिसे किसी भी परिस्थिति में किसी भी व्यक्ति के नाम पर हस्तांतरित नहीं किया जा सकता है। याचिका में यह भी कहा गया है कि जमीन पर अवैध कब्जे में पीएमएलए के तहत अनुसूचित अपराध का कोई मामला नहीं है. हालांकि, सोरेन की याचिका पर सुनवाई की तारीख फिलहाल तय नहीं की गयी है.

ध्यान रहे कि इस मामले में सोरेन ने ईडी की कार्रवाई और गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. 21-22 मई को सुप्रीम कोर्ट की अवकाश पीठ ने इस याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस बात पर नाराजगी जताई कि सोरेन की ओर से दायर याचिका में यह तथ्य छिपाया गया कि ईडी की विशेष अदालत ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में संज्ञान लिया है. इसके बाद सोरेन की ओर से कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने याचिका वापस लेने की इजाजत मांगी.

आपको बता दें कि ईडी ने 31 जनवरी को बड़गाईं अंचल में 8.66 एकड़ जमीन पर अवैध कब्जा और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में Hemant Soren को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. ईडी ने सोरेन के अलावा Hemant Soren के करीबी राजकुमार पाहन, राजस्व उपनिरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद और हिलारियस कच्छप के खिलाफ भी 30 मार्च को अदालत में आरोप पत्र दायर किया है. इसमें कहा गया है कि Hemant Soren ने न केवल जमीन का अधिग्रहण किया. जांच शुरू होने पर अवैध रूप से बल्कि सबूत नष्ट करने की भी कोशिश की गई।

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