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पारसनाथ पर्वत विवाद को लेकर हुई सुनवाई, हाई कोर्ट ने 17 मार्च तक मांगा जवाब

Report by Sourav Ray

रांची:पारसनाथ पर्वत को लेकर जारी विवाद पर बुधवार को हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। इस संबंध में जैन समुदाय, गुजरात की ज्योत संस्था के द्वारा जनहित याचिका दायर की गई है।बुधवार को हाईकोर्ट ने मरांग बुरू संस्थान के द्वारा दायर हस्तक्षेप याचिका पर आदिवासियों के पक्ष को सुना। हाईकोर्ट ने इसपर जैन समुदाय और सरकार से 17 मार्च के पहले जवाब देने को कहा है।यह है आरोप:

आदिवासी समाज ने आरोप लगाया है कि जैन समुदाय ने आदिवासियों के धार्मिक स्थल मरांग बुरू युग जाहेर थान में अतिक्रमण किया है।मधुबन में जंगलों को साफ कर कंक्रीट का भवन, मठ, मंदिर और धर्मशाला बनाया गया है। पारसनाथ पर्वत में वृक्षों और पत्थरों को काटकर 50 से भी अधिक मंदिर वन भूमि पर बना दिया गया है।मरांग बुरू बचाओ और अतिक्रमण हटाओ को लेकर आदिवासी समाज आंदोलित है। 12 मार्च को मधुवन, गिरिडीह में रैली-प्रदर्शन आहूत किया गया है।हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद हेनार में आंगनबाड़ी सेविका चयन नहीं लातेहार में गारू प्रखंड के हेनार गांव में मंगलवार को हाईकोर्ट के आदेश के तहत आंगनबाड़ी सेविका चयन के लिए ग्रामसभा आयोजित की जानी थी। लेकिन पूर्व में चयनित सेविका सुनीता नागेसिया और उनके समर्थकों के विरोध के कारण प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी।

गौरतलब है कि सात माह पूर्व कम योग्यता वाली सुनीता नागेसिया का सेविका पद के लिए चयन किया गया था, जिसे गांव के अधिक योग्यता धारी किरण तेलरा ने चुनौती देते हुए लातेहार उपायुक्त को आवेदन दिया था।मामले को संज्ञान में लेते हुए उप विकास आयुक्त ने सुनीता नागेसिया का चयन रद्द कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ सुनीता नागेसिया ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

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