पिता का संघर्ष रंग लाया:जिया श्रीवास्तव ने किया जिला टॉप, राज्य में चौथा रैंक
रांची: जैक बोर्ड द्वारा शनिवार के दिन 12 वीं बोर्ड्स के साइंस और कॉमर्स के परिणाम घोषित कर दी गई है। इस वर्ष भी लड़कियों के प्रदर्शन अच्छी रही इसी बीच राजधानी रांची की बेटी जिया श्रीवास्तव ने राज्य में चौथे रैंक और रांची जिला टॉप कर अपने परिवार का नाम रौशन कर दिया है। बता दे जिया के पिता टिफिन सर्विस चलाते हैं बेटी के टॉप होने से पूरा परिवार गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
साइंस लेकर डर था लेकिन प्रिंसिपल और परिवार के सपोर्ट से सफल हो पाई*
जिया श्रीवास्तव ने अपने सफलता को लेकर बताया कि शुरुवात में साइंस लेकर डर लगा रहता था कि हो पाएगा नहीं लेकिन उर्सुलाइन इंटर कॉलेज की प्रिंसिपल और माता पिता के सहयोग से इस मुकाम पर पहुंच पाए हैं।
बिना कोचिंग लिए ही टॉप रैंक में जगह बनाई*
जिया श्रीवास्तव को लेकर ख़ास बात रही कि उन्होंने कोचिंग नहीं लिया था। जिया बताती हैं कि सेल्फ स्टडी और इंटर कॉलेज में जो पढ़ाया गया उसी पर परीक्षा दिया था और आज के परिणाम आए हैं वोह सेल्फ स्टडी के वजह से ही हो पाई है।
टाइम मैनेजमेंट है बेहद जरूरी*
जिया बताती है परीक्षा के लिए नियमित रूप से पढ़ाई करना जरूरी है।टाइम मैनेजमेंट पर ध्यान दिया गया जिस वजह से अच्छे परिणाम आए हैं। उन्होंने कहा कॉलेज से आकर ज्यादा से ज्यादा सेल्फ स्टडी और रिवीजन पर फोकस करते थे जिस वजह से परीक्षा के दिन परेशानी नहीं हुई।
सोशल मीडिया अगर अच्छे तरीके से इस्तेमाल की जाए तो चमत्कार साबित होगी
जिया बताती है कि परीक्षा के दौरान निश्चित तौर पर सोशल मीडिया डिस्ट्रैक्शन का सोर्स है लेकिन अगर इसे सही ढंग से इस्तेमाल किया जाए तो यह गॉड गिफ्ट साबित होगा। उन्होंने कहा मैंने परीक्षा के समय सोशल मीडिया के इस्तेमाल सिर्फ नोट्स और उपयोगी कंटेंट के लिए इस्तेमाल करती थी।
यूपीएससी क्लियर करना है लक्ष्य*
आगे की रणनीति को लेकर जिया कहती हैं कि उनका सपना IAS अफसर बनना है। जिया बताती हैं रांची से ही ग्रैजुएशन कर यूपीएससी के लिए तैयारी करेगी उनका अब पूरा फोकस यूपीएससी की ओर होगा।
पिता का आभार उन्होंने हमेशा साथ दिया
जिया के सफलता में जिया के पिता का बड़ा योगदान रहा है बता दे उन्होंने टिफिन सर्विस चलाकर अपने बेटी के पढ़ने के सपने को पूरा किया है। जिया बताती है उनके पिता हमेशा उनके साथ रहे हैं जब भी उन्हें डर लगा तो पिता ने ही हिम्मत दी जिस कारण इंटर के परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने में सफल रही।