इंडिया में Covid-19 की फिर से आहट? हेल्थ मिनिस्ट्री अलर्ट मोड पर, एक्सपर्ट्स बोले- डरें नहीं, अवेयर रहें
भारत में कोविड-19 के मामलों में हाल के हफ्तों में हल्की बढ़ोतरी देखी गई है, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है। 19 मई 2025 तक, देश में 257 सक्रिय मामले हैं, जो भारत की विशाल आबादी की तुलना में बहुत कम हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सिंगापुर, हांगकांग, चीन और थाईलैंड जैसे एशियाई देशों में JN.1 वेरिएंट और इसके सब-वेरिएंट्स LF.7 और NB.1.8 के कारण मामलों में उछाल के बाद सतर्कता बढ़ा दी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने 19 मई को नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC), इमरजेंसी मेडिकल रिलीफ (EMR), आपदा प्रबंधन सेल, और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के विशेषज्ञों के साथ एक समीक्षा बैठक की, जिसकी अध्यक्षता स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (DGHS) ने की। बैठक में निष्कर्ष निकला कि भारत में ज्यादातर मामले हल्के हैं, और अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं पड़ी है। केरल (69), महाराष्ट्र (44), और तमिलनाडु (34) में सबसे ज्यादा नए मामले दर्ज किए गए हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि JN.1 वेरिएंट, जो भारत में पहले से मौजूद है, ज्यादा संक्रामक हो सकता है, लेकिन यह गंभीर बीमारी का कारण नहीं बन रहा। डॉ. विकास मौर्या, फोर्टिस शालीमार बाग, के अनुसार, कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि मौजूदा वृद्धि का कारण कम होती इम्यूनिटी है, न कि नए वेरिएंट की गंभीरता। मंत्रालय ने एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (IDSP) और ICMR के तहत निगरानी को और मजबूत किया है, जिसमें इन्फ्लूएंजा जैसे लक्षणों और गंभीर श्वसन संक्रमणों पर नजर रखी जा रही है।
विशेषज्ञों की सलाह:
भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें।
हल्के लक्षण जैसे बुखार, गले में खराश, सिरदर्द, थकान, या सूखी खांसी को नजरअंदाज न करें।
कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोग और बुजुर्ग बूस्टर डोज पर विचार करें।
नियमित रूप से हाथ धोएं और व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखें।
स्वास्थ्य मंत्रालय और विशेषज्ञों ने स्पष्ट किया है कि घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्कता और जागरूकता जरूरी है। भारत की मजबूत निगरानी और टीकाकरण अभियान (1.7 अरब से अधिक डोज दी जा चुकी हैं) स्थिति को नियंत्रित रखने में मदद कर रहे हैं।