चुनाव आयोग ने झारखंड में मतदान की तैयारी शुरू की, झामुमो ने क्यों दी आंदोलन की चेतावनी?…
भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) की छह सदस्यीय टीम ने शुक्रवार को झारखंड विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के लिए रामगढ़ जिले के पतरातू लेक रिसॉर्ट में समीक्षा बैठक की. पहला सत्र 10 जुलाई को देर रात तक चला. बैठक में भारत निर्वाचन आयोग के साथ-साथ झारखंड निर्वाचन आयोग के अधिकारी शामिल हुए. 11 जुलाई का दूसरा सत्र सुबह 8:30 बजे से शुरू होकर शाम 6:00 बजे तक चला. वहीं, झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, “चुनाव आयोग से विनम्र अनुरोध है कि राज्य हित और जनहित को सर्वोपरि मानते हुए 10 नवंबर से 20 दिसंबर के बीच चुनाव कराए जाएं. अन्यथा यह अन्याय आंदोलन का रूप भी ले सकता है.
समीक्षा बैठक में झारखंड के सभी जिलों के जिला निर्वाचन पदाधिकारी उपायुक्त शामिल हुए. बताया जा रहा है कि बैठक में झारखंड में विधानसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची के प्रकाशन समेत सुरक्षा तैयारियों पर विस्तार से चर्चा की गई. बैठक के बाद ही झारखंड विधानसभा चुनाव की तिथि पर अंतिम मुहर लगेगी। बैठक में चुनाव आयुक्त धर्मेंद्र शर्मा और नितेश व्यास, प्रधान सचिव अरविंद आनंद, झारखंड चुनाव आयोग के सीईओ के रवि कुमार शामिल हुए। समीक्षा बैठक में चुनाव आयोग की टीम ने मतदाता सूची प्रकाशन, मतदाता सूची पुनरीक्षण और सुरक्षा को लेकर फीडबैक लिया। माना जा रहा है कि इस बार चुनाव पांच चरणों में नहीं होंगे। चुनाव आयोग की टीम के झारखंड दौरे को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा, ‘हम सभी जानते हैं कि अक्टूबर में हरियाणा, 27 अक्टूबर से पहले महाराष्ट्र और 28 नवंबर तक झारखंड विधानसभा का कार्यकाल है, लेकिन झारखंड में समय से पहले चुनाव कराने की बात हो रही है।
‘ ‘युवाओं के लिए उम्मीदों का महीना शुरू हो रहा है और कल मुख्यमंत्री इसकी शुरुआत कर रहे हैं।’ सुप्रियो भट्टाचार्य ने आगे कहा, ‘राज्य में एक नया ड्रामा शुरू हो गया है और अब चुनाव आयोग भी इसमें कूद पड़ा है। उन्होंने कहा कि झारखंड में 10 नवंबर से पहले चुनाव कराना संभव नहीं है, लेकिन राज्य को अस्थिर करने और अफसरों को भ्रमित करने के लिए अलोकतांत्रिक और अन्यायपूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग के पास नवंबर से दिसंबर तक चुनाव कराने के लिए पर्याप्त समय है, लेकिन किसके निर्देश पर पहले चुनाव कराने की तैयारी हो रही है?” कभी ईडी घुसपैठ करती है, जब ईडी ढीली होती है, तो देशभर में कलई खुल जाती है, फिर अब चुनाव आयोग का नंबर आया है।