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इडी ने फिर दो लोगों को हिरासत मे रखने का आरोप लगाया, सरकार ने खारिज किया, सबूत पेश करने को कहा…

रांची: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रांची पुलिस पर एक बार फिर दो लोगों को गैरकानूनी ढंग से हिरासत में रखने का आरोप लगाया है। यह आरोप करीब छह करोड़ रुपये की कथित रिश्वतखोरी के मामले की सुनवाई के दौरान सामने आया। ईडी ने अपनी याचिका में कहा कि पुलिस ने अधिवक्ता सुजीत कुमार और संजीव कुमार पांडेय को गलत तरीके से हिरासत में रखकर उसके अधिकारियों के खिलाफ फर्जी सबूत जुटाने की कोशिश की। दूसरी ओर, राज्य सरकार ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए ईडी से लिखित सबूत पेश करने की मांग की। न्यायालय ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 24 अप्रैल, 2025 की तारीख तय की है।

गुरुवार को न्यायाधीश एके चौधरी की अदालत में ईडी की उस याचिका पर सुनवाई हुई, जिसमें उसने कथित रिश्वतखोरी मामले की सीबीआई जांच की मांग की थी। ईडी ने दावा किया कि पुलिस ने 9 अक्टूबर, 2024 को सुजीत कुमार की स्कॉर्पियो (JH-01FR-4730) और दोनों व्यक्तियों के मोबाइल फोन जब्त दिखाए, जबकि जांच में पाया गया कि यह गाड़ी 5 अक्टूबर से ही पंडरा थाने में खड़ी थी, जैसा कि जीपीएस डेटा से पुष्टि हुई। ईडी का कहना है कि पुलिस ने स्कॉर्पियो से एक डायरी जब्त करने का दावा किया, जिसमें ईडी अधिकारियों को कांके के अंचल अधिकारियों को बचाने के लिए पैसे लेने की बात लिखी थी। साथ ही, दोनों फोन के लोकेशन अलग-अलग जगहों पर मिले, जिससे पुलिस के दावों पर सवाल उठे।

ईडी ने आगे बताया कि संजीव कुमार पांडेय को 5 अक्टूबर से 17 अक्टूबर, 2024 तक और सुजीत कुमार को 6 अक्टूबर से 17 अक्टूबर, 2024 तक गैरकानूनी रूप से हिरासत में रखा गया। उसने यह भी आरोप लगाया कि यह सब ईडी के खिलाफ सबूत बनाने की साजिश का हिस्सा था। प्राथमिकी में संजीव कुमार पांडेय पर 35 लाख रुपये, जय कुमार राम से 3.40 करोड़ रुपये और एक आईफोन, दिवाकर द्विवेदी से 1 करोड़ रुपये, और प्रभात भूषण से 1.05 करोड़ रुपये लेने के आरोप हैं।

पूरा मामला क्या है?

ईडी ने कांके अंचल कार्यालय की जांच के दौरान जमीन से जुड़े बड़े पैमाने पर गड़बड़ी का खुलासा किया था। पंडरा थाने में कमलेश सिंह के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के आधार पर ईडी ने मामला दर्ज किया और जांच शुरू की। इसके बाद, 24 सितंबर, 2024 को ईडी ने कमलेश कुमार सिंह, अंचल अधिकारी जय कुमार राम, पूर्व अंचल अधिकारी दिवाकर द्विवेदी सहित छह लोगों के खिलाफ पीएमएलए कोर्ट में आरोप पत्र दायर किया।

आरोप पत्र दायर होने के एक सप्ताह बाद, 6 अक्टूबर, 2024 को पंडरा थाने में दो प्राथमिकी दर्ज हुईं। पहली प्राथमिकी सुजीत कुमार ने दर्ज की, जिसमें अपहरण सहित अन्य आरोप लगाए गए। दूसरी प्राथमिकी संजीव कुमार पांडेय ने दर्ज की, जिसमें जय कुमार राम और दिवाकर द्विवेदी को जमीन के दस्तावेजों में जालसाजी से बचाने के लिए सुजीत को रुपये और आईफोन देने का आरोप था। ईडी ने इन प्राथमिकी के आधार पर जांच की और हाईकोर्ट में याचिका दायर कर इनकी सीबीआई जांच की मांग की।

सुनवाई के दौरान सरकार ने ईडी के मौखिक आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बिना लिखित सबूत के ये दावे आधारहीन हैं। मामला अब 24 अप्रैल, 2025 को आगे बढ़ेगा।

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