उत्तरकाशी सुरंग से निकले झारखंड के 15 मजदूरों के लिए सीएम हेमंत सोरेन रात्रिभोज की मेजबानी करेंगे
रांची/डेस्क: सीएम हेमंत सोरेन के निर्देश पर उत्तरकाशी सिल्कयारा टनल से निकले झारखंड के 15 मजदूर आज यानी 8 दिसंबर को दोपहर 1 बजे इंडिगो एयरलाइंस से रांची पहुंचेंगे. राज्य के सभी 15 मजदूर सुरंग से सुरक्षित बाहर आ गए हैं. बता दें, मजदूरों के साथ उनसे मिलने उत्तराखंड पहुंचे उनके परिवार के 12 सदस्य भी आज रांची पहुंचेंगे.
मुख्यमंत्री के निर्देश पर जैप आईटी के सीईओ भुवनेश्वर प्रताप सिंह के नेतृत्व में श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के दो अधिकारियों को मजदूरों की सुरक्षित वापसी की जिम्मेदारी दी गयी है. अधिकारियों ने सभी मजदूरों और उनके परिवारों को 30 नवंबर को उत्तराखंड से दिल्ली लाया, जिसके बाद वे आज (1 दिसंबर) दिल्ली से रांची के लिए रवाना होंगे। निर्देश के मुताबिक, सभी मजदूरों को 8 दिसंबर को दोपहर 1 बजे इंडिगो की फ्लाइट से रांची लाया जाएगा. बता दें, सुरंग हादसे के तुरंत बाद राज्य सरकार ने मौके पर एक टीम भेजी थी.
जानकारी के लिए बता दें, उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले की सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को 17 दिन बाद सुरक्षित बचा लिया गया. सुरंग के अंधेरे से सुरक्षित बाहर आकर सभी मजदूर बहुत खुश थे. सुरंग से उनके सफल रेस्क्यू से पीएम मोदी समेत देश के कई नेताओं और मजदूरों के परिवारों में खुशी की लहर है. और अब परिवार वालों को बस मजदूरों के घर पहुंचने का इंतजार है. बता दें, मंगलवार (26 नवंबर) शाम तक सुरंग में फंसे सभी मजदूरों को एक-एक करके बाहर निकाल लिया गया. जिसके बाद सभी एनडीआरएफ की निगरानी में थे. अनुमति मिलने के बाद आज श्रम विभाग ने प्रदेश के श्रमिकों से मुलाकात की.
सभी 15 मजदूरों को आज झारखंड लाया जायेगा
सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों में से कुल 15 झारखंड के थे. आज श्रम विभाग ने प्रदेश के सभी 15 श्रमिकों से मुलाकात की। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर विभाग ने अस्पताल पहुंचकर सभी मजदूरों से मुलाकात की. राज्य के सभी मजदूरों को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद 1 दिसंबर 2023 को एयरलिफ्ट कर झारखंड लाया जाएगा.
सिल्कयारा की निर्माणाधीन सुरंग में पिछले 41 से फंसे सभी 17 मजदूरों को 800 मीटर 60 मिमी पाइप के जरिए सफलतापूर्वक बचा लिया गया. इन सभी को एनडीआरएफ की टीमों ने स्ट्रेचर और रस्सियों की मदद से सुरंग से बाहर निकाला। जिसके बाद इन सभी को एम्बुलेंस के माध्यम से सीधे चिन्यालीसौड़ के स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। जहां डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज यहां चल रहा है.