सीएम हेमंत सोरेन ने 1500 शिक्षकों को दिया नियुक्ति पत्र, कहा- एचईसी राज्य सरकार को दे
रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज 1500 नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपा. इस दौरान नियुक्ति पत्र पाने वाले सभी शिक्षकों के चेहरे पर खुशी देखी गई. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस दौरान शिक्षकों से कहा कि बच्चों के भविष्य निर्माण की बड़ी जिम्मेदारी आप पर है. मुझे विश्वास है कि आप अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन पूरी निष्ठा और ईमानदारी से कर राज्य के सर्वांगीण विकास में अपना योगदान देंगे. मुख्यमंत्री ने युवाओं को अपने पैरों पर खड़ा करने का संकल्प दोहराया. उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि यहां युवाओं के बीच नियुक्ति पत्र बांटा जा रहा है. अब तक हजारों युवाओं को सरकारी नौकरी दी जा चुकी है और यह प्रक्रिया जारी है.
वहीं, निजी संस्थानों और कंपनियों में 60 हजार से अधिक युवाओं को नौकरी दिलाने का काम किया गया है. जो युवा स्वरोजगार करना चाहते हैं, उन्हें आर्थिक सहायता दी जा रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि नियुक्तियों की प्रक्रिया जारी रहेगी. राज्य के युवाओं के कौशल विकास पर सरकार का विशेष जोर है। विभिन्न माध्यमों से युवाओं के कौशल को निखारने के साथ-साथ रोजगार भी मुहैया कराया जा रहा है। आज यहां के हुनरमंद युवा देश के साथ-साथ विदेशों में भी अपने काम से सबका दिल जीत रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर समाज में बदलाव लाना है तो हर व्यक्ति को शिक्षित होना चाहिए। शिक्षा सोच बदलती है। यह आगे बढ़ने का रास्ता दिखाती है। इसलिए हमारी सरकार शिक्षा व्यवस्था को मजबूत कर रही है।
हमारी सरकार ने 80 उत्कृष्ट विद्यालय खोले हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह सरकारी विद्यालयों को बेहतर बनाने के लिए उत्कृष्ट विद्यालय खोले गए हैं। उसी तरह हम आने वाली पीढ़ी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए उत्कृष्ट शिक्षक भी उपलब्ध करा रहे हैं, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी उत्कृष्ट परिणाम दे सके। मुख्यमंत्री ने नवनियुक्त शिक्षकों से कहा कि झारखंड जैसे राज्य में जनजातीय और स्थानीय भाषाएं काफी महत्वपूर्ण हैं। ऐसे में खुद को एक बेहतर शिक्षक के रूप में स्थापित करने के लिए आपको स्थानीय भाषाओं का ज्ञान होना बेहद जरूरी है। इतना ही नहीं बच्चों और उनके अभिभावकों से भी स्थानीय भाषाओं में संवाद करें। इससे आत्मीयता का भाव पैदा होगा, जो इस राज्य की भाषा, संस्कृति परंपरा को अक्षुण्ण रखने और आगे बढ़ाने में कारगर होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने पिछले साढ़े चार वर्षों में कई ऐसे निर्णय लिए हैं, जो आज इस राज्य के लिए मील का पत्थर साबित हो रहे हैं। आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़े वर्ग के बच्चों को विदेश में उच्च शिक्षा का पूरा खर्च देने वाला झारखंड देश का पहला राज्य है। हमारी सरकार ने गुरुजी स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की है। यह कार्ड 10वीं और 12वीं के सभी विद्यार्थियों को दिया जाएगा। इसके जरिए वे 15 लाख रुपये तक का शिक्षा ऋण आसानी से ले सकेंगे।
लड़कियों को पढ़ाई के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना को जोड़ा जा रहा है। इंजीनियरिंग, मेडिकल और लॉ जैसे कोर्स कराने और विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सरकार आर्थिक मदद दे रही है। हमारी सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का तोहफा दिया है। वहीं, यूनिवर्सल पेंशन योजना लागू कर समाज के कमजोर और वंचित लोगों को मजबूत करने का काम क्या है? हमारी कोशिश है कि सबकी भागीदारी से एक सशक्त और मजबूत झारखंड बनाया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एचईसी को उद्योगों की जननी के रूप में जाना जाता है। लेकिन, आज इसकी स्थिति से हम सब वाकिफ हैं। जब यह उद्योग लगा था, तब यहां 30 हजार से ज्यादा कर्मचारी काम करते थे, लेकिन आज स्थिति विपरीत है। अगर एचईसी को राज्य सरकार के हवाले कर दिया जाए, तो हम इसकी तस्वीर बदल देंगे। हम इसका पुराना गौरव वापस लाएंगे और यहां के युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार देने का काम करेंगे।