असम के सीएम सरमा ने मुसलमानों से मछली न खरीदने की अपील की, यूरिया से होती है बीमारियां
रांची : अक्सर चुनाव के समय कई नेताओं द्वारा दिए गए बयान काफी चर्चा में रहते हैं। ऐसे में असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का एक बयान फिर चर्चा में है। इस बार उन्होंने कहीं और निशाना साधते हुए लोगों से मिया मुसलमानों द्वारा उत्पादित मछली न खरीदने की अपील की है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने इसके पीछे की वजह भी बताई है और वो वजह ये है कि ये लोग मछली उत्पादन में यूरिया का अत्यधिक इस्तेमाल करते हैं, जिससे किडनी संबंधी बीमारियां होती हैं।

सरमा ने बताया है कि मिया मुसलमान मछली उत्पादन के लिए यूरिया खाद का इस्तेमाल करते हैं, जिससे हमें बचना चाहिए। ऊपरी असम में असमिया मछली उत्पादन बेहद जरूरी है। असम में मछली आहार का अभिन्न अंग है, जहां नागांव, मोरीगांव और कछार प्रमुख मछली उत्पादन केंद्र हैं। राज्य में मछली पालन व्यवसाय में मुस्लिम व्यापारियों की अच्छी भागीदारी है।
इस बीच एक वीडियो में सरमा को यह कहते हुए सुना गया कि यूरिया के इस्तेमाल से राज्य में किडनी से जुड़ी कई बीमारियों में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। उन्होंने कथित तौर पर मछली पालन में जैविक तरीकों के इस्तेमाल की बात की है।

जुम्मा की छुट्टी खत्म होने की वजह से चर्चा में रहा
इससे पहले असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को असम विधानसभा के अंदर दो घंटे के जुम्मा (प्रार्थना) अवकाश को रद्द कर दिया था, जिससे विपक्षी दल और अन्य राज्य नाराज हो गए थे। संशोधित नियम के अनुसार, अब से विधानसभा की कार्यवाही भी शुक्रवार को सुबह 9:30 बजे शुरू होगी। उस समय विपक्षी दलों ने कहा था कि सरमा सस्ती लोकप्रियता के लिए होड़ कर रहे हैं। हालांकि, सरमा ने कहा कि चूंकि यह औपनिवेशिक प्रथा है, इसलिए इसे बदलने की सख्त जरूरत है।
