शराब घोटाला मामले में आईएएस अधिकारी को ACB ने किया गिरफ्तार, जानें पूरा मामला
झारखंड के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे को 20 मई 2025 को झारखंड भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने शराब घोटाला मामले में गिरफ्तार किया। यह मामला छत्तीसगढ़ और झारखंड से जुड़े एक बड़े शराब घोटाले से संबंधित है, जिसमें रायपुर (छत्तीसगढ़) आधारित एक सिंडिकेट द्वारा नकली होलोग्राम का उपयोग कर शराब की आपूर्ति की गई, जिससे करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ।
मामले का विवरण:
- घोटाले की प्रकृति:
- यह घोटाला छत्तीसगढ़ में 2019 से 2022 के बीच हुआ, जिसमें शराब नीति में बदलाव कर और नकली होलोग्राम का उपयोग कर अवैध रूप से शराब की बिक्री की गई।
- इसने छत्तीसगढ़ और झारखंड दोनों राज्यों के राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाया, जिसमें अनुमानित 1,660 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
- विनय चौबे, जो पहले झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सचिव रह चुके हैं, इस दौरान उत्पाद और शहरी विकास विभाग में सचिव थे। उन्हें इस घोटाले में शामिल होने का आरोप है।
- ACB की कार्रवाई:
- 20 मई 2025 को ACB ने विनय चौबे को उनके रांची स्थित आवास से सुबह 11 बजे हिरासत में लिया और घंटों पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया।
- पूछताछ के बाद उन्हें रांची के सिविल कोर्ट में पेश किया गया।
- ACB ने छत्तीसगढ़ पुलिस के सितंबर 2024 के एक FIR पर कार्रवाई की, जिसमें चौबे के साथ-साथ छत्तीसगढ़ के पूर्व IAS अधिकारी अनिल टुटेजा, रायपुर के मेयर के भाई अनवर ढेबर, और अन्य को भी आरोपी बनाया गया।
- आरोप:
- विनय चौबे पर आरोप है कि उन्होंने शराब नीति में हेरफेर कर एक सिंडिकेट को निविदाएं दीं, जिससे झारखंड और छत्तीसगढ़ सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ।
- यह सिंडिकेट रायपुर से संचालित था और इसमें नकली होलोग्राम के जरिए अवैध शराब की आपूर्ति शामिल थी।
- प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भी इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की और 29 अक्टूबर 2024 को चौबे और अन्य के ठिकानों पर छापेमारी की थी।
- अन्य शामिल लोग:
- छत्तीसगढ़ के पूर्व IAS अधिकारी अनिल टुटेजा को ED ने अप्रैल 2024 में गिरफ्तार किया था, जिन्हें इस घोटाले का “मुख्य सरगना” माना गया।
- अनवर ढेबर और अरुणपति त्रिपाठी (पूर्व विशेष सचिव, छत्तीसगढ़ उत्पाद विभाग) भी इस मामले में आरोपी हैं।
- ED ने झारखंड के वित्त मंत्री रमेश्वर उरांव, उनके बेटे रोहित उरांव, और शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी के ठिकानों पर भी छापेमारी की थी।
- वर्तमान स्थिति:
- विनय चौबे की गिरफ्तारी झारखंड में विधानसभा चुनाव के दौरान हुई, जिससे इस मामले ने राजनीतिक रंग भी ले लिया है।
- ED और ACB दोनों इस मामले की गहन जांच कर रहे हैं, जिसमें शराब नीति में अनियमितताओं और मनी लॉन्ड्रिंग के पहलुओं पर ध्यान दिया जा रहा है।