Rahul Gandhi Bihar Visit: सीएम नीतीश के गढ़ में इस दिन गरजेंगे राहुल गांधी, पिछले पांच महीने में 5वां दौरा
राहुल गांधी का बिहार दौरा: 6 जून 2025
कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी 6 जून 2025 को बिहार के नालंदा जिले में पहुंचेंगे, जो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गृह जिला है। वे राजगीर में अति पिछड़ा वर्ग (EBC) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) सम्मेलन को संबोधित करेंगे। यह पिछले पांच महीनों में उनका बिहार का पांचवां दौरा होगा, जो 2025 के बिहार विधानसभा चुनावों के मद्देनजर बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस दौरे को कांग्रेस और राजद-नेतृत्व वाले महागठबंधन की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जो बिहार में OBC और EBC समुदायों के बीच समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहा है, जो राज्य के मतदाताओं का एक बड़ा हिस्सा हैं।
दौरे की मुख्य बातें
- कार्यक्रम: राहुल गांधी OBC और EBC समुदायों को लक्षित एक सम्मेलन में भाषण देंगे, ताकि इन महत्वपूर्ण मतदाता समूहों का समर्थन हासिल किया जा सके।
- स्थान: राजगीर, नालंदा, जो नीतीश कुमार का गृह जिला होने के कारण राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।
- तारीख: 6 जून 2025। यह कार्यक्रम पहले 27 मई को होना था, लेकिन किसी कारणवश इसे स्थगित कर दिया गया था।
- संदर्भ: बिहार में अक्टूबर-नवंबर 2025 में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए राजनीतिक सरगर्मी तेज है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो दिवसीय दौरे पर बिहार को कई बड़ी सौगातें दी थीं।
राजनीतिक महत्व
- OBC और EBC मतदाताओं पर फोकस: राहुल गांधी का OBC और EBC समुदायों पर ध्यान NDA के प्रभुत्व को चुनौती देने की कांग्रेस की रणनीति का हिस्सा है। पार्टी जाति-आधारित आरक्षण, युवा बेरोजगारी और सामाजिक न्याय जैसे मुद्दों पर जोर दे रही है।
- नीतीश कुमार को चुनौती: नालंदा में दौरा करके राहुल गांधी नीतीश कुमार के गढ़ में सीधी टक्कर देने की कोशिश करेंगे। इसे नीतीश के राजनीतिक आधार पर “सर्जिकल स्ट्राइक” के रूप में देखा जा रहा है।
- महागठबंधन की रणनीति: INDIA गठबंधन के हिस्से के रूप में, कांग्रेस राजद के साथ मिलकर नीतीश कुमार और बीजेपी के नेतृत्व वाले NDA गठबंधन को चुनौती दे रही है। राहुल के बार-बार दौरे बिहार में कांग्रेस की उपस्थिति को मजबूत करने के प्रयास का हिस्सा हैं।
पिछले दौरे और विवाद
- हाल के दौरे: राहुल गांधी ने जनवरी, फरवरी, अप्रैल और मई 2025 में बिहार का दौरा किया था, जहां उन्होंने बेरोजगारी, सामाजिक न्याय और शिक्षा जैसे मुद्दों पर जोर दिया। मई में दरभंगा दौरे के दौरान विवाद हुआ था, जब प्रशासन ने उन्हें आयोजन स्थल पर जाने की अनुमति नहीं दी थी। फिर भी, उन्होंने अंबेडकर कल्याण छात्रावास में रैली की और जाति जनगणना जैसे मुद्दों पर बात की, जिसके बाद उनके खिलाफ FIR दर्ज हुई थी।
- निरंतर फोकस: X पर पोस्ट्स के अनुसार, राहुल गांधी अब मुद्दा-आधारित राजनीति पर ध्यान दे रहे हैं, खासकर जातिगत न्याय, शिक्षा और बेरोजगारी पर, जो बिहार के चुनावी परिदृश्य में महत्वपूर्ण हैं।
तैयारियां और उत्साह
- कांग्रेस की तैयारियां: कांग्रेस 6 जून के कार्यक्रम के लिए व्यापक तैयारियां कर रही है। नेताओं और कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह देखा जा रहा है। मई से जून में कार्यक्रम के स्थगन ने उत्सुकता को और बढ़ा दिया है।
- बृहद अभियान: राहुल गांधी के बार-बार दौरे बिहार में कांग्रेस को पुनर्जनन देने की रणनीति का हिस्सा हैं, जहां इसे राजद और जद(यू) जैसे क्षेत्रीय दलों ने प्रभावित किया है। उनकी पदयात्राएं और “पलायन रोक, नौकरी दो” जैसे अभियान युवाओं और हाशिए पर मौजूद समुदायों से जुड़ने का प्रयास हैं।
राजनीतिक परिदृश्य
- NDA की स्थिति: नीतीश कुमार और बीजेपी के नेतृत्व में NDA ने 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में 220 से अधिक सीटें जीतने का दावा किया है। नीतीश को 2025 चुनावों के लिए NDA का चेहरा घोषित किया गया है, हालांकि उनकी सेहत और गठबंधन बदलने की अटकलों की चर्चा है।
- विपक्ष का जोर: राजद और कांग्रेस बेरोजगारी और जाति-आधारित आरक्षण जैसे मुद्दों का सहारा लेकर NDA को चुनौती दे रहे हैं। 2024 के लोकसभा चुनावों में राजद ने नीतीश के पारंपरिक मतदाता आधार (जैसे कोइरी मतदाताओं) में सेंध लगाई थी, जिससे महागठबंधन का आत्मविश्वास बढ़ा है।
- नीतीश को लेकर अटकलें: नीतीश के महागठबंधन में वापसी की अफवाहें हैं, खासकर राजद नेता लालू प्रसाद यादव के “खुले दरवाजे” वाले बयान के बाद। हालांकि, जद(यू) नेताओं ने इन अटकलों को खारिज किया है।
निष्कर्ष
राहुल गांधी का 6 जून 2025 को नालंदा दौरा बिहार विधानसभा चुनावों में NDA को चुनौती देने की कांग्रेस की रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा है। नीतीश कुमार के गृह जिले में OBC और EBC मतदाताओं को लक्षित करके, राहुल महागठबंधन की स्थिति को मजबूत करना चाहते हैं। उनके पिछले दौरे और सामाजिक न्याय, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर फोकस बिहार के युवाओं और हाशिए पर मौजूद समुदायों से जुड़ने की कोशिश को दर्शाते हैं। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आएंगे, इस तरह के हाई-प्रोफाइल दौरे बिहार में राजनीतिक जंग को और तेज करेंगे।