कांग्रेस सांसद जयराम रमेश के बयान, जिसमें उन्होंने भारतीय सांसदों की विदेश यात्रा की तुलना आतंकवादियों से की…
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश के बयान, जिसमें उन्होंने भारतीय सांसदों की विदेश यात्रा की तुलना आतंकवादियों से की, ने भाजपा को तीखी प्रतिक्रिया देने के लिए प्रेरित किया है। जयराम रमेश ने 29 मई 2025 को एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि सरकार 25-26 जून को आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के लिए विशेष सत्र बुला सकती है, जिसे उन्होंने 2014 से लागू “अघोषित आपातकाल” से जोड़ा। उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा, “आतंकवादी इधर-उधर घूम रहे हैं, हमारे सांसद भी घूम रहे हैं,” और सरकार पर आतंकवादियों के बजाय कांग्रेस पर हमला करने का आरोप लगाया।
भाजपा की प्रतिक्रिया:
- भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने इस बयान को “निंदनीय और चिंताजनक” बताया, इसे भारतीय सांसदों और नागरिकों का अपमान करार दिया। उन्होंने कहा कि यह बयान ऑपरेशन सिंदूर जैसी सफल पहलों को कमजोर करने की कांग्रेस की कोशिश दर्शाता है।
- भाटिया ने रमेश से सवाल किया कि क्या वे अपने ही पार्टी के सांसदों—शशि थरूर, मनीष तिवारी, और सलमान खुर्शीद—जो सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं, को भी आतंकवादी मानते हैं। उन्होंने राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे से पूछा कि क्या वे इस बयान से सहमत हैं।भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी रमेश के बयान की निंदा की, पूछा कि क्या वे सुप्रिया सुले और सलमान खुर्शीद को भी आतंकवादी मानते हैं।
संदर्भ और विवाद:
- रमेश का बयान पहलगाम आतंकी हमले के बाद सरकार की कथित निष्क्रियता और आतंकवादियों की गतिविधियों पर सवाल उठाने के संदर्भ में आया। उन्होंने सरकार पर ध्यान भटकाने और कांग्रेस को निशाना बनाने का आरोप लगाया।
- यह बयान उस समय आया जब एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल, जिसमें कांग्रेस के सांसद भी शामिल थे, ऑपरेशन सिंदूर और आतंकवाद के खिलाफ भारत की स्थिति को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने के लिए विदेश गया था।
- कुछ एक्स पोस्ट में रमेश के बयान को कांग्रेस की कुंठा और नफरत से जोड़ा गया, जिसमें दावा किया गया कि वे राहुल गांधी के इशारे पर सरकार की नीतियों को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं।
विश्लेषण: रमेश का बयान संवेदनशील मुद्दे पर आया, जिसने राजनीतिक विवाद को और हवा दी। जहां रमेश ने सरकार की नीतियों और आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई पर सवाल उठाने की कोशिश की, वहीं भाजपा ने इसे सांसदों और भारतीय सेना के अपमान के रूप में पेश किया। यह विवाद दोनों दलों के बीच चल रही तीखी बयानबाजी का हिस्सा है, जहां कांग्रेस सरकार की जवाबदेही पर सवाल उठा रही है, और भाजपा इसे राष्ट्रीय हितों के खिलाफ बता रही है।
निष्कर्ष: जयराम रमेश का बयान, जिसमें सांसदों और आतंकवादियों की तुलना की गई, ने भाजपा की तीखी प्रतिक्रिया को जन्म दिया, जिसने इसे शर्मनाक और देश का अपमान बताया। यह विवाद दोनों दलों के बीच गहरे राजनीतिक मतभेदों को दर्शाता है, खासकर आतंकवाद और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दों पर।