सिरमटोली मेकॉन फ्लाईओवर विवाद: अधिकारियों की कार्यशैली पर आशा लकड़ा ने जताई नाराजगी
NCST आयोग के समक्ष उपस्थित नहीं हुए नगर प्रशासक
सिरमटोली-मेकॉन फ्लाईओवर रैंप विवाद में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) की सदस्य डॉ. आशा लकड़ा ने झारखंड सरकार के अधिकारियों की कार्यशैली पर नाराजगी जताई है। आयोग ने पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव सुनील कुमार, रांची के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री, और रांची नगर निगम के प्रशासक संदीप सिंह को 29 मई 2025 को नई दिल्ली में समन जारी कर उपस्थित होने का निर्देश दिया था, लेकिन कोई भी अधिकारी निर्धारित तिथि पर मौजूद नहीं हुआ।
प्रधान सचिव सुनील कुमार ने 28 मई को ई-मेल के जरिए 16वें वित्त आयोग के झारखंड दौरे और अन्य बैठकों का हवाला देते हुए 10 जून के बाद नई तारीख मांगी। आशा लकड़ा ने इसे संवैधानिक संस्था की गरिमा का उल्लंघन बताते हुए कहा कि झारखंड में आदिवासियों के मुद्दों को गंभीरता से नहीं लिया जा रहा।
विवाद का कारण सिरमटोली सरना स्थल के पास फ्लाईओवर रैंप का निर्माण है, जिसे आदिवासी समुदाय अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान पर हमला मानता है। केंद्रीय सरना समिति और अन्य संगठनों ने 22 मार्च को रांची बंद का आह्वान किया था, और अब 4 जून 2025 को झारखंड बंद की घोषणा की गई है। आयोग ने 3 जून को फ्लाईओवर स्थल का निरीक्षण और मुख्य सचिव के साथ बैठक का निर्देश दिया है।
आशा लकड़ा ने पहले 13 मई को रांची में आदिवासी संगठनों के साथ बैठक की थी, जहां रैंप निर्माण को सरना स्थल की पवित्रता पर कुठाराघात बताया गया। उन्होंने निर्माण कार्य पर रोक लगाने और जांच पूरी होने तक उद्घाटन न करने का आदेश दिया था। आदिवासी समुदाय का कहना है कि रैंप से सरहुल जैसे पर्वों पर धार्मिक गतिविधियां प्रभावित होंगी, और वे इसे पूरी तरह हटाने की मांग कर रहे हैं।