Caste Census: ‘लोग झुकते हैं, झुकाने वाला चाहिए…’, जातीय जनगणना पर क्रेडिट लेने में जुटी RJD, लगाया पोस्टर
पटना, 1 मई 2025: बिहार में केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय जनगणना में जातीय जनगणना को शामिल करने के फैसले के बाद सियासी हलचल तेज हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने इस फैसले को अपनी जीत बताते हुए जगह-जगह पोस्टर लगाए हैं, जिनमें लिखा है, “लोग झुकते हैं, झुकाने वाला चाहिए… RJD की जीत, बिहार की जीत।” पार्टी इसे अपनी 30 साल पुरानी मांग की जीत बता रही है और इसका श्रेय RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और नेता तेजस्वी यादव को दे रही है।
RJD नेताओं का कहना है कि जातीय जनगणना से सामाजिक न्याय को बल मिलेगा और बिहार में 2023 में कराए गए जाति सर्वे की तरह ही देशभर में आंकड़े सामने आने से नीतियां बनाने में मदद मिलेगी। 2023 के सर्वे में बिहार में OBC और EBC की आबादी 63% से अधिक पाई गई थी, जिसके बाद आरक्षण बढ़ाने की मांग उठी थी। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले NDA को फायदा पहुंचाने की रणनीति भी हो सकता है, क्योंकि विपक्ष इस मुद्दे को लगातार उठा रहा था।
दूसरी ओर, यह कदम सामाजिक ताने-बाने पर असर डाल सकता है। जैसा कि 1952 में सरदार पटेल ने चेतावनी दी थी, जातीय जनगणना से सामाजिक विभाजन बढ़ सकता है। बिहार में पहले से ही जाति आधारित राजनीति गहरी जड़ें जमा चुकी है, और यह फैसला उस आग में घी डालने का काम कर सकता है। क्या यह वाकई सामाजिक न्याय की जीत है या चुनावी रणनीति का हिस्सा, यह आने वाला वक्त बताएगा।
