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‘जाट’ ही क्यों रखा गया सनी देओल की फिल्म का नाम? देखें मूवी मसाला

सनी देओल की फिल्म ‘जाट’ का नाम कई कारणों से चुना गया, जो कहानी, किरदार और मार्केटिंग रणनीति से जुड़े हैं। यह फिल्म एक एक्शन ड्रामा है, जिसमें सनी देओल एक निडर, ताकतवर और न्याय के लिए लड़ने वाले किरदार में हैं। ‘जाट’ शब्द का इस्तेमाल इस किरदार की विशेषताओं को उजागर करने के लिए किया गया है, जो साहस, दृढ़ता और जुझारूपन का प्रतीक माना जाता है।

प्रमुख कारण:

  1. किरदार का व्यक्तित्व: फिल्म में सनी देओल का किरदार एक ऐसा व्यक्ति है, जो अन्याय के खिलाफ अकेले खड़ा होता है। ‘जाट’ शब्द भारतीय संस्कृति में एक ऐसी छवि बनाता है, जो न केवल ताकतवर और मेहनती है, बल्कि अपने सिद्धांतों पर अडिग रहता है। यह किरदार की भावना को दर्शाता है।
  2. मास अपील: सनी देओल की फिल्में ‘गदर’, ‘घायल’ और ‘बॉर्डर’ जैसी मास-मसाला एक्शन फिल्मों के लिए जानी जाती हैं। ‘जाट’ एक छोटा, दमदार और याद रखने में आसान शब्द है, जो दर्शकों, खासकर उत्तर भारत में, को तुरंत आकर्षित करता है। यह टाइटल उनके फैन बेस के साथ तालमेल बिठाता है।
  3. सांस्कृतिक संदर्भ: ‘जाट’ शब्द का उत्तर भारत, खासकर हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में गहरा सांस्कृतिक महत्व है। यह एक समुदाय का नाम होने के साथ-साथ साहस और आत्मसम्मान का पर्याय भी है। फिल्म का टाइटल इसे एक व्यापक पहचान देता है, जो कहानी को स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर जोड़ता है।
  4. मार्केटिंग और ब्रांडिंग: सनी देओल का ‘ढाई किलो का हाथ’ और हैंडपंप उखाड़ने वाला अंदाज दर्शकों के बीच उनकी मजबूत छवि बनाता है। ‘जाट’ टाइटल इस छवि को और मजबूत करता है, खासकर जब फिल्म में वे पंखा उखाड़कर एक्शन करते दिखते हैं। यह उनके पुराने किरदारों की याद दिलाता है और नई पीढ़ी को भी जोड़ता है।
  5. निर्देशक की दृष्टि: निर्देशक गोपीचंद मालिनेनी, जो तेलुगु सिनेमा में मास-एंटरटेनर फिल्मों के लिए जाने जाते हैं, ने इस टाइटल को इसलिए चुना क्योंकि यह उनके विजन के साथ फिट बैठता है। यह फिल्म उत्तर और दक्षिण भारतीय सिनेमा का मिश्रण है, और ‘जाट’ एक ऐसा शब्द है जो दोनों दर्शक वर्गों को आकर्षित कर सकता है।

विवाद और चर्चा:

‘जाट’ टाइटल को लेकर कुछ विवाद भी हुआ, क्योंकि कुछ लोगों ने इसे एक खास समुदाय से जोड़कर आपत्ति जताई। हालांकि, सनी देओल ने साफ किया कि फिल्म का उद्देश्य किसी समुदाय को लक्ष्य करना नहीं है, बल्कि यह एक किरदार की भावना को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि सिनेमा को बिना लेबल के देखा जाना चाहिए, ताकि लोग इसे मनोरंजन के रूप में 즐्में।

मूवी मसाला:

  • एक्शन का तड़का: फिल्म में सनी देओल का पंखा उखाड़ने वाला सीन पहले ही चर्चा में है, जो उनके ‘गदर’ के हैंडपंप सीन की याद दिलाता है।
  • रणदीप हुड्डा का टकराव: रणदीप हुड्डा का खलनायक राणतुंगा किरदार सनी के साथ जबरदस्त टक्कर देता है, जो फिल्म का मुख्य आकर्षण है।
  • म्यूजिक और डायलॉग्स: ‘टच किया’ और ‘जाट थीम सॉन्ग’ जैसे गाने पहले ही हिट हो रहे हैं, और सनी के धमाकेदार डायलॉग्स सिनेमाघरों में तालियां बटोर रहे हैं।

कुल मिलाकर, ‘जाट’ टाइटल सनी देओल की सशक्त स्क्रीन प्रेजेंस और फिल्म की मास-मसाला शैली को पूरी तरह से प्रतिबिंबित करता है। यह एक ऐसा नाम है, जो दर्शकों को सिनेमाघरों तक खींचने का दम रखता है।

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