‘पुलिस पर हमला’ की घटनाओं को BJP ने बताया चुनावी साजिश, विपक्ष पर लगाए ये गंभीर आरोप..
बिहार में पुलिस पर हमले की बढ़ती घटनाओं ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया है। बीजेपी ने इसे विपक्ष की चुनावी साजिश करार दिया है, तो विपक्ष नीतीश सरकार पर जंगलराज का ठप्पा लगा रहा है। इस बीच, सरकार और पुलिस दोनों सख्त रुख अपनाने के मूड में दिख रहे हैं।
बीजेपी नेता और बिहार सरकार में मंत्री नीरज सिंह बबलू ने विपक्ष पर गंभीर आरोप लगाए। उनका कहना है कि चुनावी साल होने के कारण विपक्ष सरकार को बदनाम करने के लिए अपराधियों को आगे कर रहा है। उन्होंने कहा कि हाल की घटनाएं, जैसे पुलिसकर्मियों की हत्या और कई जिलों में एक साथ हमले, संयोग नहीं, बल्कि विपक्ष की सोची-समझी साजिश हैं। बबलू के मुताबिक, विपक्ष अपराध का ग्राफ बढ़ाकर सुशासन की छवि को धक्का पहुंचाना चाहता है। उन्होंने साफ कहा, “अगर पुलिस पर गोली चलेगी, तो पुलिस भी अपराधी के सीने में गोली मारने के लिए स्वतंत्र है। अपराधियों के सिर कुचले जाएंगे।” जब उनसे यूपी के योगी मॉडल की तर्ज पर एनकाउंटर की बात पूछी गई, तो उन्होंने कहा कि बिहार का अपना मॉडल है और यहां नीतीश कुमार का सुशासन राज चलता है।
दूसरी ओर, विपक्षी महागठबंधन, खासकर राजद, इन घटनाओं को नीतीश सरकार की नाकामी बता रहा है। राजद का कहना है कि बिहार में असली जंगलराज लौट आया है। हाल के दिनों में कई जिलों में पुलिस पर हमले हुए, जिसमें दो अधिकारी शहीद हो गए और कई घायल हैं। इसे लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है।
इस बीच, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार (17 मार्च) को हाई लेवल मीटिंग की और पुलिस को सख्त कार्रवाई की खुली छूट दी। बैठक के बाद ADG कुंदन कृष्णन ने कहा कि अगर अपराधी पुलिस पर हथियार उठाएंगे, तो पुलिस को सीधे गोली चलाने का पूरा अधिकार है। यह साफ संकेत है कि सरकार अब अपराधियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लेने को तैयार है।
बिहार की सियासत में यह मुद्दा अब गरमा गया है। बीजेपी जहां इसे विपक्ष की साजिश बता रही है, वहीं विपक्ष इसे सुशासन के दावों की पोल खोलने वाला सबूत मान रहा है। आने वाले दिनों में यह देखना होगा कि पुलिस का सख्त रुख और सरकार का मॉडल अपराध पर कितना असर डालता है।
