Jharkhand Budget Session 2025-26: हेमंत सरकार 2.0 का वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने पेश किया 1 लाख 45 हजार 400 करोड़ का पहला बजट
झारखंड के वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने आज 3 मार्च को झारखंड विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया। यह बजट 1 लाख 45 हजार 400 करोड़ रुपये का है, जो राज्य के इतिहास में सबसे बड़ा बजट है ।
इस बजट में महिला एवं बाल विकास, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा और गरीब कल्याण योजनाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। मंईयां सम्मान योजना के तहत महिलाओं को दी जाने वाली पेंशन के कारण महिला एवं बाल विकास विभाग को अधिक धनराशि आवंटित की जा सकती है ।
वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर ने बजट पेश करते हुए कहा कि यह बजट राज्य के विकास और समृद्धि के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि इस बजट में राज्य के सभी वर्गों के लिए कुछ न कुछ है .
वित्त मंत्री ने राज्यपाल को सौंपी बजट की कॉपी
वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर सोमवार, 3 मार्च यानी आज झारखंड विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश करेंगे. वित्त मंत्री सदन में जाने से पहले राजभवन पहुंचे और राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार को बजट की बजट की पहली कॉपी सौंप दी हैं. इसके बाद राज्यपाल ने बजट पेश करने की स्वीकृति दे दी हैं.
वित्त मंत्री राधा कृष्ण किशोर राज्यपाल से मुलाकात करने के बाद झारखंड विधानसभा के लिए रवाना हो गए हैं.
किन क्षेत्रों को मिल सकता है ज्यादा बजट?
इस साल सरकार का फोकस महिला एवं बाल विकास, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा और गरीब कल्याण योजनाओं पर रहेगा. मंईयां सम्मान योजना के तहत महिलाओं को दी जाने वाली पेंशन के कारण महिला एवं बाल विकास विभाग को ज्यादा धनराशि आवंटित की जा सकती है. मंईयां सम्मान योजना के तहत राज्य की महिलाओं को 1000 रुपये मासिक पेंशन दी जा रही है. वहीं, इस योजना के कारण आगामी बजट में महिला एवं बाल विकास विभाग को अधिक धनराशि आवंटित किए जाने की संभावना है. ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि, पशुपालन, पेयजल, सिंचाई और सड़क निर्माण जैसी योजनाओं पर बजट का बड़ा हिस्सा खर्च होने की उम्मीद हैं.
झारखंड के GSDP, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में भारी वृद्धि
पिछले कुछ वर्षों में झारखंड सरकार ने स्वास्थ्य, शिक्षा के क्षेत्र और सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) में भारी वृद्धि की है. वर्ष 2001-02 में स्वास्थ्य बजट केवल 169.09 करोड़ रुपये था, जो 2024-25 में बढ़कर 7,223 करोड़ रुपये हो गया. शिक्षा बजट वर्ष 2001-02 में 915.36 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 14,725 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है. वहीं, राज्य की अर्थव्यवस्था भी पिछले दो दशकों में तेजी से बढ़ी है. वर्ष 2001-02 में झारखंड का सकल घरेलू उत्पाद यानी GSDP करीब 32,000 करोड़ रुपये था, जो अब बढ़कर 4.70 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है. आगामी वित्त वर्ष में झारखंड के GSDP में 9.5 से 10 फीसदी बढ़ने का अनुमान हैं.
16 गुना बढ़ा बजट का आकार
झारखंड के गठन के बाद से बजट आकार में लगातार बढ़ेत्तरी देखा गया हैं. झारखंड बनने के बाद से राज्य के बजट आकार में अब तक 16 गुना से अधिक बढ़ चुकी हैं. साल 2001-02 में राज्य का पहला बजट 7,743.38 करोड़ रुपये का था, जो अब बढ़कर 1.28 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है. साल 2001-02 में 7,743.38 करोड़ रु. -मृगेन्द्र प्रताप सिंह द्वारा बजट पेश किया गया था. नीचे दिए गए तालिका में देखें किस साल कितना-कितना पेश बजट किया गया है ?
यहां देखें, किस साल कितना पेश किया गया बजट?
साल 2001-02 में 7,743.38 करोड़ रु.
साल 2002-03: 9,595.85 करोड़ रु.
साल 2003-04: 9,115.03 करोड़ रु.
साल 2004-05: 10,970.55 करोड़ रु.
साल 2005-06: 13,131.17 करोड़ रु.
साल 2006-07: 15,413.68 करोड़ रु.
साल 2007-08: 17,842.15 करोड़ रु.
साल 2008-09: 19,869.83 करोड़ रु.
साल 2010-11: 24,957.97 करोड़ रु.
साल 2011-12: 24,368.05 करोड़ रु.
साल 2012-13: 28,216.76 करोड़ रु.
साल 2013-14: 28,382.4 करोड़ रु.
साल 2014-15: 38,161.56 करोड़ रु.
साल 2015-16: 52,191.34 करोड़ रु.
साल 2016-17: 57,198.78 करोड़ रु.
साल 2017-18: 64,754.78 करोड़ रु.
साल 2018-19: 62,451.61 करोड़ रु.
साल 2019-20: 66,500.28 करोड़ रु.
साल 2020-21: 71,109.019 करोड़ रु.
साल 2022-23: 84,908 करोड़ रु.
साल 2023-24: 1,09,767.04 करोड़ रु.
साल 2024-25: 1,28,900 करोड़ रु.
