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Indian Railway: बिहार के इस रूट पर चलेंगी ये ट्रेनें, रेलवे ने जनता को दी खुशखबरी

Sheikhpura: बिहार में गया और किऊल के बीच रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है. रेलवे के मुताबिक, अब लखीसराय से शेखपुरा होते हुए नवादा तक दोनों ट्रैक पर ट्रेनें बिना किसी रुकावट के चलेंगी. वारिसलीगंज से नवादा तक ट्रैक दोहरीकरण का काम पूरा हो चुका है और रेलवे सुरक्षा आयुक्त से मंजूरी मिलने के बाद इस नये ट्रैक पर ट्रेनें दौड़ने लगी हैं. रेलवे अधिकारियों का कहना है कि किऊल से गया तक अब केवल 17 किमी ट्रैक का दोहरीकरण बाकी है, जिसके आने वाले कुछ महीनों में पूरा होने की उम्मीद है.

जानकारी के लिए बता दें कि नवादा से तिलैया के बीच ट्रैक दोहरीकरण का काम अभी बाकी है. इसके अलावा किऊल से गया होते हुए शेखपुरा तक ट्रैक दोहरीकरण का प्रारंभिक चरण पहले ही पूरा हो चुका है। नवंबर 2022 से ही लखीसराय से शेखपुरा तक दोनों ट्रैक पर ट्रेनें चलने लगीं। लेकिन रेलवे यात्री संघ के अध्यक्ष रंजीत कुमार उर्फ बुधन भाई ने लखीसराय और शेखपुरा के बीच रेल लाइन के दोहरीकरण के बावजूद पतनेर और सिरारी स्टेशनों पर यात्री ट्रेनों के लंबे समय तक ठहराव पर आपत्ति जताई है.

रंजीत कुमार ने रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों से इन स्टेशनों पर यात्री ट्रेनों के अनावश्यक ठहराव को तत्काल समाप्त करने का आग्रह किया है. उनका कहना है कि इस तरह की रुकावटों से यात्रियों को काफी असुविधा होती है. उन्होंने नवादा और तिलैया के बीच रेलवे ट्रैक के दोहरीकरण का काम भी जल्द पूरा करने का अनुरोध किया है ताकि इस रूट पर लंबी दूरी की ट्रेनें सुचारू रूप से चल सकें और यात्री बिना किसी परेशानी के अपने गंतव्य तक पहुंच सकें.

इस दोहरीकरण से ट्रेन सेवाओं में सुधार होगा और यात्रियों की यात्रा आसान और तेज हो जाएगी। दोहरीकरण का मतलब है कि एक ही रूट पर दो ट्रैक होंगे जिससे ट्रेनों की आवाजाही में कोई दिक्कत नहीं होगी. इससे ट्रेनों की संख्या भी बढ़ेगी और देरी की समस्या भी कम होगी. खास तौर पर यह दोहरीकरण माल ढुलाई के लिए भी महत्वपूर्ण है, जिससे मालगाड़ियों का परिचालन बेहतर होगा. रेलवे अधिकारी लगातार इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं और बचे हुए ट्रैक का दोहरीकरण जल्द पूरा करने की योजना बना रहे हैं. रेलवे यात्री संघ और स्थानीय लोग भी उम्मीद कर रहे हैं कि नवादा और तिलैया के बीच काम जल्द से जल्द पूरा हो ताकि पूरे रूट पर ट्रेनों का परिचालन बिना किसी बाधा के सुचारू हो सके.

ट्रैक दोहरीकरण की इस परियोजना से न केवल यात्रियों को लाभ होगा बल्कि क्षेत्र की आर्थिक स्थिति पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। व्यापारी अपने माल का परिवहन कर सकेंगे और यात्रा करने वाले लोगों का समय भी बचेगा। रेलवे की यह पहल क्षेत्र के विकास में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी. इसके सफल समापन से आने वाले समय में इस रूट पर और अधिक ट्रेनों का परिचालन संभव हो सकेगा, जिससे यात्रियों की संख्या में भी वृद्धि होगी. कुल मिलाकर यह दोहरीकरण परियोजना क्षेत्र के लोगों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी और उनकी यात्रा को और भी सुगम और आरामदायक बनाएगी।

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