झारखंड में ED ने चढ़ाया I.N.D.I.A का चुनावी रंग, पहले हेमंत सोरेन और अब आलमगीर आलम गिरफ्तार
Jharkhand News: इसी साल 31 जनवरी को हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया गया था. उनकी जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. इस बीच, आलमगीर आलम की गिरफ्तारी ने I.N.D.I.A की चुनावी रंगत को फीका कर दिया है.
Jharkhand News: जनवरी के आखिरी दिन 31 जनवरी को चुनाव के बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और अब कांग्रेस नेता और चम्फाई सरकार में मंत्री आलमगीर आलम की गिरफ्तारी हुई है. ईडी ने आलमगीर आलम को गिरफ्तार कर लिया है और निश्चित तौर पर कांग्रेस, राजद और झारखंड मुक्ति मोर्चा का चुनावी रंग फीका कर दिया. चुनाव के बीच में नोटों के बंडल पकड़े जाने और उसके बाद मंत्री की गिरफ्तारी से जनता में गलत संदेश जाता है. दूसरी ओर, सहानुभूति भी पैदा होती है। अब आलमगीर आलम के पक्ष में जनता की सहानुभूति जगी या गलत संदेश गया, यह तो 4 जून को ही पता चलेगा.
मंत्री आलमगीर आलम को ईडी ने 14 मई को रांची जोनल कार्यालय में उपस्थित होने के लिए बुलाया था। मंत्री के पीएस के नौकर से भारी मात्रा में नकदी की बरामदगी के मामले में मंत्री को ईडी ने तलब किया था। गिरफ्तार किए जाने से पहले ईडी की टीम ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मंगलवार 14 मई 2024 को आलमगीर आलम से करीब 10 घंटे तक पूछताछ की थी.
दरअसल, ईडी की टीम ने 6 मई को आलमगीर आलम के पीएस संजीव लाल के नौकर जहांगीर आलम के आवास पर छापेमारी की थी और 35 करोड़ रुपये जब्त किए थे. नकदी गिनने के लिए कई मशीनें लगाई गईं। सभी नोट 500 रुपये के थे. एजेंसी को जहांगीर आलम के घर से कुछ आभूषण भी बरामद हुए थे. संजीव लाल और उसके नौकर जहांगीर आलम को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. ये दोनों फिलहाल 6 दिन की ईडी रिमांड पर हैं.
बताया जा रहा है कि ईडी की पूछताछ में मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि उन्हें निजी सहायक जहांगीर के पास करोड़ों रुपये होने की जानकारी नहीं थी. उन्हें इस बात की जानकारी भी नहीं थी कि जहांगीर गलत गतिविधियों में शामिल था. ईडी के अधिकारियों ने मंत्री से कमीशनखोरी से जुड़े कई सवाल पूछे थे.