हर घर नल, हर घर जल योजना हज़ारीबाग़ में शुरू होने से पहले ही दम तोड़ने लगी
अधिकारियों ने पूरी व्यवस्था ठेकेदारों के हवाले कर दी, ग्रामीण बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं
हज़ारीबाग़: ठेकेदारों के हवाले सरकार की हर घर नल, हर घर जल योजना शुरू होने से पहले ही दम तोड़ती नजर आ रही है. जिस ब्लॉक में यह योजना संचालित हुई, वहां कहीं भी यह योजना कारगर साबित नहीं हुई। योजना के असफल होने का कारण यह है कि एक ही अधिकारी ठेकेदार ठेकेदार के पास बक्सा छोड़कर खुद गर्मी में एसी रूम में बैठकर फाइलों को आगे बढ़ा रहे हैं। ठेकेदार जो रिपोर्ट दे रहा है उसकी जांच भी नहीं की जा रही है।
कटकमसांडी प्रखंड: दांतो पंचायत के परेवतारी में खुली जल नल योजना की पोल
कटकमसांडी प्रखंड क्षेत्र के दांतो पंचायत के परेवातरी में इन दिनों पेयजल की गंभीर समस्या उत्पन्न हो गयी है. जिसके कारण ग्रामीण जलापूर्ति योजना का विरोध कर रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि स्थानीय जन प्रतिनिधियों और ठेकेदार ने किसी तरह अधूरा काम छोड़ दिया. जंगलों की गोद में बसे परेवतारी में लगभग 30-40 घरों का एक गांव है। परेवतारी के स्थानीय लोगों ने बताया कि संवेदक की मनमानी के कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
जबकि दांतो पंचायत में उक्त चापानल से सिर्फ बरसात के मौसम में ही पानी निकलता है. लेकिन मना करने के बाद भी ठेकेदार ने यह कहते हुए मोटर लगा दिया कि पुराने चापानल में मोटर डालने के लिए हमारे पास स्टीमेट है, तुम्हें जहां जाना है जाओ. वर्तमान समय में गर्मी चरम पर है और जिले व प्रखंड क्षेत्र के लुपुंग में जल-जल योजना की पोल खुलने लगी है. अगर कहीं पानी है तो घर में नल नहीं पहुंचा है. कहीं-कहीं पानी के नल का स्ट्रकर ही हाथी के दाँत जैसा दिखता है। हमारी देखभाल करने वाला कोई नहीं है. वे पानी पीने को मजबूर हैं. चुनाव आते ही वादे-इरादे और लाल सब्जबागों की कमी नहीं होती, लेकिन चुनाव खत्म हो गया तो इलाके की समस्या भी खत्म हो जायेगी. ऐसे में हम ग्रामीण धोखे से ठगे रह जाते हैं।
आदिवासी बहुल क्षेत्र बघमंडवा को नल जल योजना और अबुआ आवास का लाभ नहीं मिला
बरकट्ठा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत तुइयो पंचायत का बघमंडवा गांव आदिवासी बहुल क्षेत्र है. यहां 150 आदिवासी परिवार निवास करते हैं। लेकिन यहां के ग्रामीण सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नल जल योजना और अबुआ आवास के लाभ से वंचित हैं. इस संबंध में ग्रामीण सुखदेव मरांडी ने बताया कि हमें नल जल योजना का लाभ नहीं मिला और दर्जनों लोगों को अबुआ आवास में नाम होने के बावजूद आवास नहीं मिल सका है. वहीं, मीना देवी ने बताया कि इस भीषण गर्मी में हमलोग दूर से पानी लाकर अपना काम करते हैं.
गांव में 150 मतदाता हैं. लोग दैनिक मजदूरी करके अपनी आजीविका कमाते हैं। सोहनी देवी ने कहा कि इस क्षेत्र में सिर्फ चुनाव के समय ही जन प्रतिनिधि आते हैं, कई जन प्रतिनिधि झूठे आश्वासन देने आते हैं और वोट बनवा कर चले जाते हैं. मीना देवी, शिबू मरांडी, रिपुनी देवी, रूपलाल मरांडी, सोहना मांझी, लालू मरांडी, तालो देवी, विनोद मरांडी, जिबलाल मांझी, शिवराम मुर्मू, बसंती देवी, चांद मुनी देवी, रेनू देवी, वासुदेव हांसदा, डेगना मांझी, चांद मुनी देवी और इस अवसर पर अन्य लोग उपस्थित थे।
पद्मा पंचायत ने करोड़ों की लागत से जलमीनार का निर्माण कराया है
भीषण गर्मी में बूंद-बूंद पानी को तरस रहे ग्रामीणों को भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। जबकि जलमीनार में लगा बोर्ड 2022-23 का है और 2024 का आधा महीना बीतने के बावजूद 85 जलमीनार बनाये गये हैं. यह योजना जनवरी 2024 से प्रखंड में शुरू हो गयी है. लेकिन अभी तक एक ने भी जलापूर्ति का काम शुरू नहीं किया है. वहीं दबी जुबान से यह भी चर्चा हो रही है कि यदि ठेकेदार द्वारा बारिश में यह कार्य किया गया तो उनके द्वारा किये गये कार्य की खामियां उजागर न हो जाये. इस संबंध में पूछे जाने पर मुखिया अनिल मेहता ने कहा कि मैंने ठेकेदार से बात कर ली है और जल्द ही जलापूर्ति का काम शुरू हो जायेगा.
पूछने पर उपप्रमुख अजय मेहता ने कहा कि जब मैंने ग्रामीणों की ओर से ठेकेदार से पूछा तो उसने कहा कि जब मैं चाहूँगा, तब इसे चालू कर दिया जायेगा. इस लिहाज से आप जहां जाना चाहें जा सकते हैं. जबकि ग्रामीणों की शिकायत है कि जलमीनार से लाभुक के घर तक जो पाइप ले जाया गया है, उसमें मात्र 6 इंच का गड्ढा खोदकर पाइप डालकर ले जाया गया है. जो अभी से टूटने लगा है. ठेकेदार से पूछने पर कुछ भी बताने से इंकार कर फोन काट दिया गया।