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झारखंड वीएस भर्ती घोटाला मामले में अगली सुनवाई 20 मार्च को

रांची: झारखंड हाइकोर्ट ने मंगलवार को विधानसभा में अवैध नियुक्तियों की जांच की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई की. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि मामले में रिपोर्ट कैबिनेट के समक्ष पेश कर दी गयी है. लेकिन अभी भी कैबिनेट ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है. कोर्ट ने राज्य सरकार के इस जवाब पर नाराजगी जताते हुए शपथ पत्र के माध्यम से विस्तृत एवं बिंदुवार जानकारी पेश करने का निर्देश दिया. वहीं, हाईकोर्ट की अगली सुनवाई 20 मार्च को होगी.

राज्यपाल के निर्देश के बाद किस प्रावधान पर दूसरी जांच कमेटी का गठन किया गया?
जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह जानने की कोशिश की कि इस मामले में कमिश्नर की नियुक्ति कब की गयी है और उनके द्वारा दी गयी जांच रिपोर्ट राज्यपाल को कब सौंपी गयी है. इस रिपोर्ट के आधार पर राज्यपाल ने स्पीकर को कार्रवाई का निर्देश दिया है. इसके बाद भी दूसरी जांच कमेटी क्यों और किस प्रावधान पर बनायी गयी? सभा की ओर से अधिवक्ता अनिल कुमार ने बहस की.

2005 से 2007 के बीच विधानसभा में नियुक्तियों में अनियमितताएं हुईं
विधानसभा में अवैध नियुक्तियों की जांच को लेकर शिव शंकर शर्मा ने झारखंड हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. याचिका में कहा गया है कि 2005 से 2007 के बीच विधानसभा में हुई नियुक्तियों में अनियमितताएं हुई थीं. इस मामले की जांच के लिए सबसे पहले जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद आयोग का गठन किया गया था. आयोग ने वर्ष 2018 में जांच कर राज्यपाल को रिपोर्ट सौंपी थी. जिसके बाद राज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष को कार्रवाई का निर्देश दिया. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.

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