नीतीश के लिए हमारे दरवाजे कभी बंद नहीं, वे आएंगे तो हम स्वागत करेंगे : राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव
हाजीपुर। बिहार में तीन हफ्ते पहले ही महागठबंधन को छोड़कर बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन में गए जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के सीएम नीतीश कुमार के लिए लालू यादव और तेजस्वी यादव की राष्ट्रीय जनता दल का दरवाजा खुला हुआ है। आरजेडी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने बड़ा ऐलान किया है कि नीतीश के लिए उनका दरवाजा खुला ही रहता है। लालू ने शुक्रवार को वैशाली के जन्दाहा जाने से पहले दस सर्कुलर रोड आवास पर मीडिया से बातचीत में कहा कि नीतीश वापस उनके पास लौटते हैं तो उनका स्वागत है। उनके लिए हमेशा दरवाजा खुला है। उन्होंने कहा कि वे आएंगे तब देखेंगे। विधानसभा में नीतीश की अगुवाई में एनडीए सरकार के विश्वास मत पर बहस के दौरान तेजस्वी यादव ने सदन में ही कहा था कि उधर दिक्कत हो तो हम लोग हैं। तेजस्वी ने अपने भाषण में नीतीश को लेकर कोई गुस्सा का इजहार भी नहीं किया था और सम्मान के साथ उनके बारे में बात की कि पता नहीं क्यों चले गए। हमें कह देते कि मंत्रियों से दिक्कत है तो हम लोग बाहर से समर्थन दे देते। तेजस्वी का यह कहना नीतीश को एक खुला संदेश है कि आप चाहें तो हम बाहर से समर्थन दे सकते हैं लेकिन बीजेपी का साथ छोड़ दीजिए। विधानसभा में भी तेजस्वी ने कुछ दिन पहले बयान दिया था कि मुख्यमंत्री जी को जब कभी भी हमारी जरूरत पड़े तो हम सदा आपके लिए तैयार मिलेंगे।
यही कारण है कि सत्ता परिवर्तन के बाद भी लालू और तेजस्वी नीतीश के खिलाफ अभी हमलावर नहीं है क्योंकि उनको इस बात की उम्मीद है कि भाजपा के साथ सीएम नीतीश की विचारधारा ज्यादा दिन तक एडजस्ट नहीं कर पाएगी और वह फिर हमारी तरफ आ जाएंगे। विधानसभा में तेजस्वी की तरफ से जेडीयू को खुले ऑफर के बाद लालू के ताजा बयान से यह साफ हो रहा है कि आरजेडी नीतीश या जेडीयू पर हमला करने के बदले उनको वापस लाने की रणनीति पर काम कर रही है। लालू का बयान तेजस्वी की बात को उसी दिशा में आगे बढ़ाता है। लालू और तेजस्वी इस कोशिश में दिख रहे हैं कि लोकसभा चुनाव में नीतीश भले ना लौटें लेकिन विधानसभा चुनाव से पहले लौट आएं जिससे 2025 में महागठबंधन मजबूती से चुनाव लड़ सके और तेजस्वी की ताजपोशी का रास्ता आसान हो। हालांकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार महागठबंधन का साथ छोड़ने के बाद अब तक कई बार इस बात को दोहरा दिया चुके हैं कि उधर से अपनी पुरानी जगह पर आ गए हैं। अब अब हमेशा के लिए एनडीए के साथ ही रहेंगे। नीतीश कहते नजर आए कि अब महागठबंधन में कभी नहीं जाएंगे।जीवन भर अब एनडीए का हिस्सा बनकर रहेंगे।
विश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान नीतीश कुमार ने बीजेपी की कार्यशैली की प्रशंसा की और आरजेडी पर सत्ता में रहते कमाने का गंभीर आरोप लगाया। लालू यादव और तेजस्वी को अभी भी नीतीश कुमार का इंतजार है। इससे पहले कल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय जनता दल अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव नई सरकार बनने के बाद पहली बार एक साथ हुए। दोनों बड़े और छोटे भाई एक दूसरे से पूरे गर्मजोशी के साथ मिले। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को हाथ जोड़कर नमस्कार किया और फिर उनका हालचाल पूछा। उनके पास ही पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी खड़े थे। वह भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुस्कुराते हुए मिले। अच्छी बात यह रही कि इस मुलाक़ात के बीच मुस्कुराते हुए दिखे और दोनों दिग्गज नेताओं के बीच किसी तरह की कोई तल्खी नहीं दिखाई दी।