पेयजल विभाग के इंजीनियर पर करोड़ों के घोटाले का आरोप, 800 करोड़ का चेक जारी करने का आरोप
रांची: राज्य के कई हिस्सों में जल संकट की समस्या से लोग परेशान हैं. इनमें से एक है संथाल परगना. ऐसे कई इलाके हैं जहां जल संकट लोगों के लिए बड़ी समस्या है. ऐसे इलाकों में शुद्ध पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था बहाल करने के लिए वित्तीय वर्ष में 1100 करोड़ रुपये से अधिक की कई योजनाओं पर काम शुरू होने जा रहा है. वहीं, इन योजनाओं के भुगतान सहित मॉनिटरिंग एवं अन्य कार्यों की जिम्मेदारी संजय कुमार शर्मा, कार्यपालक अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल, गोड्डा एवं संजय कुमार, कार्यपालक अभियंता, पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल, दुमका- को दी गयी है. 1. मार्च 2023 तक ये दोनों अधिकारी 800 करोड़ से ज्यादा के चेक काटेंगे. गोड्डा डिविजन के तहत करीब 500 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना है, जबकि दुमका-1 डिविजन के तहत 300 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना है.
दोनों पर वित्तीय अनियमितताओं और अवैध कमाई का आरोप है.
पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल गोड्डा और दुमका में पदस्थापित दोनों अभियंता विभाग के आरोपी अभियंता हैं, जबकि विभागीय जांच में दोनों अभियंता संजय शर्मा और संजय कुमार को दोषी पाया गया है. यहां तक कि संजय कुमार जेल भी जा चुके हैं, इन दोनों पर करोड़ों रुपये की हेराफेरी, अवैध कमाई, भुगतान के बदले कमीशन वसूलने का आरोप है. इन अवैध कार्यों में आरोपी पाए जाने पर दोनों इंजीनियरों संजय शर्मा और संजय कुमार को भी विभाग ने निलंबित कर दिया है और दोनों को दोषी करार देते हुए एसडीओ के पद पर डिमोट कर दिया गया है.
दोनों इंजीनियरों पर कई आरोप लगे हैं
इसके अलावा जब वे चाईबासा के कार्यपालक अभियंता के पद पर कार्यरत थे, तब उन्होंने 87.417 किलोमीटर पाइप का भुगतान बिना सप्लाई के कर दिया था. इसके अलावा तांतनगर में जोमेसर्स आनंद सिंह नामक सबलेट कंपनी को भी संजय कुमार शर्मा ने काम से अधिक भुगतान किया. इस पर विभाग ने आनंद सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और 3 साल के कार्यकाल की जांच के आदेश दिये. मोबिलाइजेशन अग्रिम को समायोजित नहीं किया गया और श्रीराम ईसीपी ने योजना को उप-किराए पर देने में सहायता की। सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया और बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताएं हुईं।
आरोप के मुताबिक, शुद्ध पेयजल आपूर्ति के लिए 2011-12, 2012-13 और 2013-14 में धनबाद जिले के निरसा और गोविंदपुर प्रखंड के कई पंचायत क्षेत्रों में हैंडपंप लगाए गए थे. इसमें इंजीनियरों द्वारा करोड़ों रुपये का गबन किया गया. दिसंबर 2022 में एसीबी ने 29 लोगों पर केस दर्ज किया था, जिसमें 29 लोग शामिल थे, इनमें संजय सिंह का भी नाम था. यह भी आरोप लगाया गया है कि संजय सिंह ने अपनी पत्नी उषा के गिरिडीह स्थित इलाहाबाद बैंक (खाता संख्या 0249043373) और बेटे अंकित विशाल के गिरिडीह स्थित यूनियन बैंक (खाता संख्या – 300802010971762) के खाते में कमीशन की रकम जमा की. 2019 में धनबाद एसीबी ने गबन और आय से अधिक संपत्ति मामले में एफआईआर दर्ज की थी. जिसमें संजय कुमार को न्यायिक हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया गया. इतना ही नहीं, उन्होंने बिना काम के आपदा प्रबंधन के लिए आये फंड का भी गबन कर लिया. संजय सिंह राजधानी रांची में शौचालय निर्माण घोटाले के भी मुख्य आरोपी हैं, जिसमें लोकायुक्त ने उनके खिलाफ आपराधिक मामला चलाने का आदेश दिया था.