पहले कम बारिश, फिर मिचौंग तूफान ने बढ़ाई किसानों की परेशानी, धान के खेतों में पानी भरने से फसलें बर्बाद
रांची/डेस्क: झारखंड में पिछले कुछ दिनों से चक्रवाती तूफान मिचौंग का असर देखने को मिल रहा है. चक्रवाती तूफान मिचौंग के कारण राजधानी रांची समेत पूरे राज्य के मौसम में लगातार बदलाव हो रहा है. रांची में बूंदाबांदी से ठंड बढ़ने लगी है. कई इलाकों में आंशिक रूप से बादल छाए रहे और हल्की बारिश हुई। राजधानी रांची समेत आसपास के जिलों में तापमान में गिरावट आयी है. मिचौंग चक्रवाती तूफान के कारण सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त होने से लोगों की दिनचर्या में भी दिक्कतें आईं।
वहीं, मिचौंग तूफान ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. किसान का कहना है कि इस बार बारिश कम हुई है. नतीजा यह हुआ कि किसानों को फसल काटने में देर हो गई, धान काटने से पहले ही कुछ किसानों की फसल को जंगली हाथी ने अपना निवाला बना लिया, बाकी की कसर चक्रवाती तूफान ने पूरी कर दी. कोल्हान के विभिन्न जिलों और प्रखंड क्षेत्रों में अधिकांश फसलें खलिहान में पड़ी हैं. जिन किसानों ने धान की कटाई नहीं की है। वैसे खेत खलिहान में फसल के नुकसान को कम किया जा सकता है.
इस संबंध में प्रखंड कृषि प्रभारी अनिल चंद्र महतो का कहना है कि नीमडीह प्रखंड क्षेत्र में अब तक 61 मिमी बारिश हुई है. 5-7 दिसंबर तक लगातार बारिश हुई. बारिश से नीचे के खेतों में पानी भर गया है। खेत खलिहान में रखी फसल में अगर तीन दिन तक धूप नहीं निकली तो फसल खराब होने की आशंका है। कुकरू प्रखंड अंतर्गत बेरासी सिरूम पंचायत के महलीडीह गांव में किसान परेश महतो का लाखों रुपये का धान बारिश में डूब गया. किसान आत्महत्या की स्थिति में आ गये हैं।