झारखंड की जेलों से रिहा किये जायेंगे 56 कैदी, सीएम ने कैदियों की निगरानी और ट्रैकिंग का दिया निर्देश
रांची, 10 जनवरी: झारखंड राज्य सजा समीक्षा बोर्ड ने राज्य भर की विभिन्न जेलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 56 कैदियों को रिहा करने का फैसला किया है।
बुधवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की 30वीं बैठक में 109 कैदियों की रिहाई के बिंदु पर समीक्षा के बाद यह सहमति बनी.
समीक्षा के दौरान न्यायालयों, संबंधित जिलों के पुलिस अधीक्षकों, जेल अधीक्षकों एवं जिला प्रोबेशन पदाधिकारियों की राय पर विस्तार से चर्चा की गयी.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि जेल से रिहा होने वाले कैदियों की लगातार ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग की जाए. इसके अलावा उनके पुनर्वास की दिशा में भी पहल की जानी चाहिए ताकि, वे मुख्यधारा में बने रहें.
मुख्यमंत्री ने कहा कि अक्सर देखा गया है कि जो बुजुर्ग कैदी जेल से रिहा होते हैं, उनके परिजन उन्हें गोद लेने के लिए आगे नहीं आते हैं. ऐसे में उन्हें सरकार की यूनिवर्सल पेंशन स्कीम से जोड़ा जाना चाहिए, ताकि उन्हें ऐसी स्थिति में इधर-उधर भटकना न पड़े.
उन्होंने यह भी कहा कि रिहा किये गये कैदियों को सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिया जाये, ताकि उन्हें जीविकोपार्जन की दिशा में सुविधा मिल सके.
इस बैठक में अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि झारखंड राज्य सजा पुनरीक्षण पर्षद की 29वीं बैठक तक 1831 कैदियों को रिहा किया जा चुका है.
अधिकारियों ने यह भी बताया कि वर्ष 2019 से अब तक जिला प्रोबेशन अधिकारियों द्वारा 457 कैदियों के घरों का सर्वेक्षण किया जा चुका है. इनमें से 378 कैदियों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ दिया जा चुका है, जबकि अन्य कैदियों को सरकारी योजनाओं से जोड़ने की प्रक्रिया चल रही है.